बिहार के 815 फर्जी नियोजित शिक्षकों की जाएगी नौकरी,1,310 टीचरों की सेवा पहले ही हो चुकी है समाप्त


●जिलों से आई रिपोर्ट के आधार पर सेवा की जा रही है समाप्त●
पटना(बिहार)।बिहार में एक ओर जहां नियोजित शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने का रास्ता साफ हो गया है।वहीं दूसरी ओर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले नियोजित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।पहले चरण में सक्षमता परीक्षा पास करने वाले 1.87 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को योगदान करने की तिथि से राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा,वहीं फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा रही हैं।शिक्षा विभाग की ओर से राज्य में फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल नियोजित शिक्षकों के बारे में जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है।जिलों से आई रिपोर्ट की अब शिक्षा विभाग की ओर से समीक्षा की जाएगी।इसकी जांच होगी कि 815 फर्जी सर्टिफिकेटधारी शिक्षकों की सेवा अब तक समाप्त की गई या नहीं। 815 फर्जी सर्टिफिकेटधारी शिक्षकों में पटना में दो,भोजपुर में 21,कैमूर में एक,रोहतास में तीन,नालंदा में 21 सारण में 40,गोपालगंज में 51,मुजफ्फरपुर में 38,पूर्वी चंपारण में 12,वैशाली में 16,शिवहर में 10 और सीतामढ़ी में 35 नियोजित शिक्षक शामिल है।इसके अलावा पश्चिम चंपारण के तीन, दरभंगा के 17,मधुबनी के 69,समस्तीपुर के 55, मधेपुरा के चार,सुपौल के पांच,पूर्णिया के 16,अररिया के 2,किशनगंज के दो, भागलपुर के 116,बांका के 13,मुंगेर के 44,खगड़िया के 42,जमुई के 84,लखीसराय के 14,शेखपुरा के 16,गया के 17,औरंगाबाद के 28,अरवल के छह,जहानाबद के 11 और नवादा के एक शिक्षक की सेवा समाप्त की जानी है।