प्रमोद मिश्रा खोलेगा राज! एक माह में दूसरी बार एनआईए प्रमोद मिश्रा से करने वाली है पूछताछ
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रांची(झारखंड)।एनआईए की टीम भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा और अनिल यादव को एक माह में दूसरी बार रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है।इसके पहले 2 अक्टूबर को भी एनआईए की टीम ने पूछताछ की थी।लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उस पूछताछ में भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता ने मुंह खोलने से इनकार कर दिया था।इसी बीच अब दोबारा एनआईए की टीम प्रमोद मिश्रा से पूछताछ करने जा रही है।उल्लेखनीय हैं कि विगत 9 अगस्त को गया पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम ने प्रमोद मिश्रा और उनके सहयोगी अनिल यादव को गिरफ्तारी किया था।बता दें कि प्रमोद मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज थाना क्षेत्र के कासमा गांव का रहने वाला है।वह लंबे समय से सारंडा के जंगलों में नक्सली संगठन को मजबूती देता था।मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी से पहले वह झारखंड-बिहार सीमा पर छकरबंधा में माओवादियों को मजबूत करने में जुटा था। प्रमोद मिश्रा को नक्सली संगठन में वर्ष 2004 में केंद्रीय समिति सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। जिसके बाद वर्ष 2007 में उसे पोलित ब्यूरो सदस्य बनाया गया था।इसी बीच 11 मई 2008 को धनबाद जिले के विनोद नगर से उसे गिरफ्तार किया गया था। लेकिन न्यायालय ने उसे सबूत के अभाव में वर्ष 2017 में रिहा कर दिया था।लेकिन जेल से छूटने के बाद दोबारा वह संगठन को मजबूत करने में जुट गया था।उस पर पुलिस पर हमले व कई नरसंहार का मास्टरमाइंड माना जाता है।●अब तक की पूछताछ में प्रमोद मिश्रा ने नहीं खोला मुंह●प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद एनआईए समेत कई पुलिस के अधिकारी प्रमोद मिश्रा से पूछताछ कर चुकी है।जिसमें एनआईए ने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया था।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ में प्रमोद मिश्रा ने यह कहा था कि लाख कोशिश कर लो हमारा मुंह खुलने वाला नहीं है, एनआईए की इस पूछताछ का कोई नतीजा निकलने वाला नहीं है।अब एनआईए की टीम एक बार फिर से पूछताछ की तैयारी कर रही है।जिसके बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या एनआईए के पास इस एक महीने के अंदर कोई ऐसा साक्ष्य हाथ लग गया है?जिसे वह सामने रख कर प्रमोद मिश्रा को मुंह खोलने के लिए बाध्य कर सकती है।ध्यान रहे की भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सलियों के बारे में यह आम धारना रही है कि पुलिस की सारी कोशिश के बावजूद वह अपना मुंह नहीं खोला है।यहां तक कि थर्ड डिग्री का भी उन पर कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता।कई बार तो वह जान बूझकर ऐसी जानकारी दे देते है, जिससे पूरा पुलिस महकमा भ्रमित हो जाता है और जांच एक नया ऐंगल ले लेता है। फिलहाल देखने वाली बात यह होगी की एनआईए की इस पूछताछ में प्रमोद मिश्रा क्या कुछ जानकारी देते है?