जिला विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर के तहत “राष्ट्रीय लोक अदालत” का आयोजन
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रांची ब्यूरो।हजारीबाग जिला विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन आज 13 मई को सिविल कोर्ट परिसर में किया गया।जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय लोक अदालत शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के सबसे निचले तबके के व्यक्ति तक कानूनी अधिकार,सरकारी लाभ के साथ साथ सभी सुलहनीय मामले जिन्हें लोक अदालत के माध्यम से सुलझाए जा सकते हैं उनका लाभ पहुंचाना है।इस कड़ी की सबके महत्त्वपूर्ण जिम्मेवारी जिला प्रशासन है। इसी जागरूकता को लेकर शिविर का आयोजन किया गया।इस शिविर का विधिवत् शुभारंभ हजारीबाग उपायुक्त नैंसी सहाय,प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश सत्य प्रकाश सिन्हा एवं पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।इस कार्यक्रम के तहत् प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश ने लोगों से कानून का लाभ लेने की अपील की।उन्होंने कहा कि इस शिविर का एक मात्र उद्देश्य लोगों को कानूनी जानकारी से लैस करते हुए अपने अधिकारों को जानना है तथा सरकार द्धारा संचालित योजनाओ का समुचित लाभ लेना है।उन्होंने कहा की जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन न्यायालय के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य कर रहा है जो निश्चय ही सकारात्मक पहल है।उन्होंने सभी प्रखंडों में आयोजित शिविर में शामिल होकर लाभ लेने की बात कही।उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर जिला प्रशासन के साथ मिलकर हजारीबाग के सभी प्रखंडों में आयोजित किए जा रहें है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंदो के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं चला रही है।प्रशासन हरसंभव योजनाओं से लोगो को अच्छादित करने के लिए कई जागरुकता अभियान चलाती है ताकि लोकहित से जुड़ी योजनाएं जरूरतमंदो को मिल सके।इस शिविर के माध्यम से लोगो को जानकारी से सशक्त किया जा सके यही उद्देश्य है।पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व में भी सशक्तिकरण शिविर का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया है।इस शिविर से लोगों को कानूनी जानकारी सहित योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है।पुलिस प्रशासन हरसंभव जिले की जनता के लिए तत्पर है। जिलेभर में आयोजित लोक अदालत के माध्यम से 14270 वादों का हुआ निपटारा।जिले भर में आयोजित लोक अदालत के माध्यम से 18613 वादों में 14270 मामलों का निष्पादन करते हुए 44 करोड़ दो लाख 68 हजार 9 सौ 87रू का सेटलमेंट हुआ।जिनमें बैंकरिकवरी,अपराधिक मामलों में समझौता योग्य अपराध के मामलें,बिजली बिल,लेबर डिस्प्यूट,जमीन मुआवजा,वैवाहिक विवाद, एनआई अधिनियम के मामले,राजस्व संबंधी मामले, वेतन और भत्ता संबंधित सेवा मामले,वाटर बिल एवं अन्य मामलें शामिल है।शिविर के माध्यम से कई विभागों के द्वारा परिसंपतियों का वितरण एवं स्वीकृती प्रदान की गई।सामाजिक सुरक्षा विभाग के द्वारा दो लाभुकों को राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन से जोड़ा गया, जेएसएलपीएस के द्वारा दो लाभुकों को तीस-तीस रू का चक्रीय निधि,दो लाभुकों के बीच 75-75 हजार रुपए का सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ)दो लाभुकों के बीच एक-एक लाख रु का बैंक क्रेडिट लिंकेज(सीसीएल), फूलों झानो आशीर्वाद योजना के तहत दो लाभुकों को 25-25 हजार रु ऋण की स्वीकृति,उत्पादक समूह को अनुदान निधि के द्वारा दो लाभुकों को डेढ़ डेढ़ लाख रु ऋण की स्वीकृति प्रदान की गई।वहीं डीआरडीए के द्वारा दो लाभुकों को पीएम आवास योजना(ग्रा)के तहत प्रति लाभुक 1 लाख 30 हजार की स्वीकृति प्रदान की गई।जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा दो दिव्यांगों को ट्राई साइकिल(अनुमानित दर नौ हजार रु)एवं व्हीलचेयर अनुमानित दर(पचपन हजार रु) का वितरण किया गया।इस प्रकार कुल 16 लाभुकों के बीच 10 लाख 86 हजार रु की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।

