राखी,जन्माष्टमी की छुट्टी रद करना हिंदू-विरोधी मानसिकता:सुशील कुमार मोदी
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पटना ब्यूरो।पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकारी स्कूलों में रक्षाबंधन, जन्माष्टमी,ज्यूतिया जैसे प्रमुख हिंदू पर्व-त्योहारों पर छुट्टी रद करना और नवरात्रि, दीपावली से छठ तक की छुट्टी में कटौती करना राज्य सरकार की हिंदू-विरोधी मानसिकता का परिणाम है।श्री मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव ने एक और मनमाने फैसले से बिहार की छवि और संस्कृति पर आघात किया है।उन्होंने कहा कि जब कि चेहल्लुम और मोहम्मद साहब के जन्मदिन की छुट्टी बरकरार रखी गई और यह रहनी भी चाहिए,तब भगवान कृष्ण की जयंती(जन्माष्टमी),गुरु नानक जयंती(कार्तिक पूर्णिमा)और बिहार केसरी श्रीबाबू की जयंती पर छुट्टी समाप्त क्यों गई?श्री मोदी ने कहा कि सरकार को स्कूली बच्चों के मन पर विपरीत प्रभाव डालने वाले और सांस्कृतिक सद्भाव बिगाड़ने वाले फैसले को तत्काल वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार की पहचान जिस लोकपर्व छठ से होती है,उसकी छुट्टी भी काट दी गई।
दीपावली से छठ पूजा के बीच 9 दिन की छुट्टी को घटाकर 4 दिन कर दिया गया।यह बहुत ही आपत्तिजनक है।यह स्वीकार्य नहीं है।श्री मोदी ने कहा कि जिस शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 220 दिन की पढाई सुनिश्चित करने का तर्क देकर केवल हिंदू-सिख त्योहारों पर चोट की गई,उसी कानून की धारा-27 ई शिक्षकों को शिक्षणेतर कार्यों में लगाने से रोकती है,ताकि पढाई बाधित नहीं हो।उन्होंने कहा कि सरकार ने इस कानून का उल्लंघन कर शिक्षकों को जातीय सर्वे,मिड डे मील, मतदाता सूची पुनरीक्षण आदि में लगाकर पढाई के कई महीने बर्बाद किये।इसका जिम्मेदार कौन है?श्री मोदी ने कहा कि टीचर से नॉन-टीचिंग काम कराने से पढ़ाई बाधित हो रही है न कि पर्व-त्योहार की छुट्टियों के कारण और अगर ऐसे अवसरों पर स्कूल खुलेंगे भी तो कौन बच्चा स्कूल जाएगा?उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षा विभाग से वर्तमान अवर मुख्य सचिव हटाये नहीं जायेंगे,तब तक इसी प्रकार बिहार की किरकिरी होती रहेगी।

