श्रम कल्याण मैदान निजी प्रशिक्षण केंद्रों के अवैध कब्जे का शिकार
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•स्थानीय खिलाड़ियों के लिए संकट•
बिहारशरीफ(नालंदा)।शहर का प्रमुख खेल स्थल श्रम कल्याण मैदान,जो कि एक सरकारी संपत्ति है,आज निजी प्रशिक्षण केंद्रों के अवैध कब्जे का शिकार हो गया है।कभी जहां केवल एक या दो प्रशिक्षण केंद्र संचालित होते थे,अब वहां चार से पांच निजी संस्थान शाम होते ही अपना डेरा जमा लेते हैं।इससे स्थानीय खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए मैदान तक मयस्सर नहीं हो रहा।यह स्थिति उस जिले के लिए खास तौर पर विडंबनापूर्ण है,जहां खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। उम्मीद की जाती थी कि यह क्षेत्र खेल विकास का केंद्र बनेगा,लेकिन अब खिलाड़ी अपने ही मैदान से बेदखल हो रहे हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि इन प्रशिक्षण केंद्रों में बड़ी संख्या में महिला प्रशिक्षु भाग लेती हैं,जिससे शाम के समय असामाजिक तत्वों की भीड़ मैदान में जमा हो जाती है।ये लोग सिर्फ युवतियों को देखने के उद्देश्य से वहां आते हैं,जिससे सामाजिक सुरक्षा पर भी खतरा मंडराने लगा है।इस गंभीर मसले पर अनुमंडल पदाधिकारी वैभव नितिन काजले ने कहा, “यह मुद्दा युवाओं से जुड़ा हुआ है और दोनों पक्ष समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं – चाहे वे पुलिस,सेना आदि के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवा हों या क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों में संलग्न खिलाड़ी।हम इस समस्या का समाधान संतुलन बनाकर करेंगे और नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।”