भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखण्ड राज्य दिवस में दिखी राज्य की पारम्परिकता और संस्कृति की झलक
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•झारखण्ड राज्य दिवस पर भारत मंडपम का एम्फी थियेटर हुआ गुलजार•
नई दिल्ली/झारखंड।झारखण्ड प्रकृति के गर्भ में बसा और अपनी आदिवासी संस्कृति के लिए पहचाना जाने वाला प्रदेश है।यहां का सामाजिक परिवेश रहन-सहन,लोक संस्कृति अतुलनीय है।दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखण्ड पवेलियन ने झारखण्ड राज्य दिवस का आयोजन किया।जिसमे झारखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित किया गया।झारखण्ड के राज्य दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि सचिव उद्योग विभाग झारखंड सरकार जितेंद्र कुमार सिंह,सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी श्रीमती विप्रा भाल,अपर सचिव उद्योग विभाग मनमोहन प्रसाद,निदेशक उद्योग विभाग सुशांत गौरव,प्रबंध निदेशक जियाडा प्रेरणा दीक्षित,मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुख्यमंत्री कुटीर उद्योग हिमांशु मोहन,संयुक्त निदेशक प्रणव कुमार पॉल,लल्लन कुमार विशेष कार्य पदाधिकारी जैप आईटी और पदाधिकारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भगवान बिरसा मुंडा की स्तुति से किया गया।इस अवसर पर जितेंद्र कुमार सिंह ने पवेलियन में लगे स्टालों में उनके हुनर एवं कार्य प्रगति की सराहना करते हुए कहा की ट्रेड फेयर राज्य में होने वाले विकास को प्रदर्शित करने का अच्छा मंच है।उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य भी इस फेयर में अपने विकास को प्रदर्शित कर रहा है।झारखण्ड प्रदेश अपनी खनिज सम्पदा और कला संस्कृति के लिए अलग पहचान रखता है।प्रदेश अपने विकास के लिए सभी वर्ग के लोगो को एक साथ मिला कर कार्य कर रहा है।हम आशा करते हैं कि आने वाले वर्षों में राज्य कई चीजों में इतिहास लिखेगा।उन्होंने कहा कि आज 15 नवंबर को झारखंड प्रदेश का स्थापना दिवस भी होता है इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती भी है,आज ही झारखंड पवेलियन दिवस भी मनाना हमारे लिए गर्व की बात है।इस अवसर पर निदेशक उद्योग सुशांत गौरव ने कहा कि झारखंड में निवेश के लिए अच्छे अवसर है,उद्योग विभाग ने निवेशकों के लिए कई नई नीतियां बनाई है।झारखंड प्रदेश सांस्कृतिक और पर्यटन आदि में भी परिपूर्ण है।झारखण्ड राज्य दिवस में एम्फी थियेटर में खासी भीड़ देखने को मिली।जिसमें झारखण्ड के प्रभात कुमार महतो और उनके समूह द्वारा मानभूम छऊ नृत्य, गुलाप कुमार महतो और समूह द्वारा पाइका नृत्य,सुखराम पाहन द्वारा मुंडारी नृत्य,सुलेखा कुमारी द्वारा नागपुरी नृत्य और गोबिंद महतो और समूह द्वारा सराय केला छाउ आदि पारम्परिक नृत्य शैलिओं का प्रदर्शन किया गया।आज झारखंड दिवस के अवसर पर दिल्ली में स्थित झारखंड भवन में भी स्थापना दिवस धूम धाम से मनाया गया।