प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमुई में बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस में शामिल हुए•पीएम मोदी ने 6600 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास,उद्घाटन और लोकार्पण किया•
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जमुई ब्यूरो(बिहार)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमुई में बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस में शामिल हुए।पीएम मोदी 6600 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास,उद्घाटन और लोकार्पण किया।साथ ही जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भी की।वे जनजाति आवासों के गृह प्रवेश में भी शामिल हुए।पीएम मोदी ने आदिवासी बच्चों के लिए 10 एकलव्य मॉडल स्कूल का उद्घाटन भी किया।उन्होंने इस दरम्यान पीएम-जनमन के तहत बने 11हजार जनजाति आवासों के गृह प्रवेश में भी हिस्सा लिया।इस दौरान उन्होंने बिरसा मुंडा की स्मृति में विशेष सिक्के और डाक टिकट का भी अनावरण किया।प्रधानमंत्री मोदी का इस सप्ताह का यह दूसरा बिहार दौरा है।दो दिन पहले ही उन्होंने दरभंगा में एम्स समेत कई सड़क और रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया था।
जमुई में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव,जीतनराम मांझी,चिराग पासवान समेत कई नेता मौजूद थे।आस-पास के जिलों और झारखंड से भी बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए 150 वीं जयंती पर विशेष सिक्के और डाक टिकट का अनावरण किया।डाक विभाग ने इस मौके पर 05 रुपये का डाक टिकट जारी किया।पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा को याद करते हुए बड़ा ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि देशभर में बिरसा मुंडा जनजातीय गौरव उपवन बनाए जाएंगे।इन उपवनों में आदिवासी परंपराओं को सहेजा जाएगा।पीएम मोदी ने कहा कि इन उपवनों में 500 हज़ार पेड़ लगाए जाएंगे।उन्होंने कहा कि हम मिलकर आदिवासी विचारों को नए भारत के निर्माण का आधार बनाएंगे।आदिवासी परंपराओं को सहजेंगे और उनसे सीखकर सशक्त और सामर्थ्यवान भारत का निर्माण करेंगे।पीएम मोदी ने आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़ी घोषणा की।उन्होंने बताया कि कैसे सरकार आदिवासियों में एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए काम कर रही है।पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासियों में एनीमिया की बीमारी बड़ी चुनौती रही।उन्होंने बताया कि सरकार ने इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है जो एक साल से चल रहा है।इस अभियान के तहत अब तक साढ़े चार करोड़ लोगों की जांच की जा चुकी है।आदिवासी परिवारों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े,इसके लिए सरकार दुर्गम इलाकों में मोबाइल मेडिकल वैन और आयुष्मान मंदिर भी बना रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है।उन्होंने बताया कि आदिवासी इलाकों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं,विभिन्न इलाकों में 700 एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं और खेल सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि सरकार आदिवासी समुदायों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।इसी सोच के साथ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा में सुधार के लिए कई पहल कर रही है।आदिवासी क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की घोषणा की है।इस अभियान के तहत आदिवासी बहुल गांवों में 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।ट्राइबल मार्केटिंग सेंटर स्थापित होंगे और होम स्टे के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज को मूल सुविधाओं से वंचित रखा गया।अधिकारियों के लिए आदिवासी क्षेत्रों में पोस्टिंग एक सजा मानी जाती थी।समय के साथ बदलाव आया।अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया।आदिवासी बाहुल्य जिलों को आकांक्षी जिलों में बदला गया।इन जिलों का विकास किया जा रहा है।पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने देश की सबसे पिछड़ी जनजातीय आबादी के विकास के लिए पीएम जन-मन योजना शुरू की है।इस योजना के तहत आदिवासी समुदायों को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार आदिवासी समुदायों की कठिनाइयों को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि जिनको किसी ने नहीं पूछा,मोदी उनको पूजता है।पीएम जन-मन योजना के तहत आदिवासी समुदायों को हजारों पक्के घर दिए गए हैं।इसके अलावा आदिवासी बस्तियों को जोड़ने के लिए पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं।सैकड़ों गांवों में हर घर नल से जल पहुंचाया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज को देश के इतिहास में उनका हक नहीं मिला।उन्होंने कहा कि यह अन्याय दूर करने की कोशिश हो रही है।मोदी जी ने कहा कि आदिवासियों ने बहुत योगदान दिया है लेकिन राजनीति की वजह से उन्हें भुला दिया गया।उन्होंने कहा कि सिर्फ़ कांग्रेस को ही आजादी का श्रेय देना गलत है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदिवासियों ने हमेशा देश की सेवा की है।उन्होंने भगवान राम को बनाया,आजादी की लड़ाई लड़ी और महान योद्धाओं का साथ दिया।मोदी जी ने पूछा कि अगर सिर्फ़ एक ही परिवार ने देश को आज़ाद कराया तो बिरसा मुंडा का आंदोलन और संथाल क्रांति क्यों हुई?उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप को भील सैनिकों ने मदद की थी और छत्रपति शिवाजी को भी आदिवासियों का साथ मिला था।मोदी जी ने कहा कि इन सबको इतिहास में जगह मिलनी चाहिए।पीएम मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज वह है,जिसने राजकुमार राम को भगवान राम बनाया।आदिवासी समाज वह है,जिसने भारत की संस्कृति और आज़ादी की रक्षा के लिए सैकड़ों वर्षों की लड़ाई को नेतृत्व दिया।उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना से देश की सबसे पिछड़ी जनजातियों की बस्तियों का विकास सुनिश्चित हो रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज बहुत ही पवित्र दिन है।आज कार्तिक पूर्णिमा है,देव दीपावली है और आज गुरु नानक देव जी का 555 वां प्रकाश पर्व भी है।मैं सभी देशवासियों को इन पर्वों की बधाई देता हूं।आज का दिन हर देशवासी के लिए एक और वजह से ऐतिहासिक है।आज भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती है।राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस है।मैं सभी देशवासियों को और खासतौर पर अपने आदिवासी भाई-बहनों को जनजातीय गौरव दिवस की बधाई देता हूं।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर एक बार फिर साफ किया कि वह अब एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे।प्रधानमंत्री मोदी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हम हमेशा के लिए इनके साथ रहेंगे।बीच में गलती हुई थी।हमारे कुछ लोगों ने गलती कर दी।तो इधर-उधर चले गए थे।मगर बीजेपी के साथ वे 1995 से हैं।अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने से वे साथ मिलकर काम कर रहे हैं।उन्होंने पीएम मोदी को भरोसा दिलाया कि वह अब कहीं नहीं जाएंगे और एकजुट रहेंगे।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा कि 2007 में हमने पटना में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगवाई थी।हर साल बिरसा मुंडा की जयंती पर राजकीय समारोह का आयोजन होता है।एनडीए की सरकार ने जनजातीय विकास में कई काम किए।उन्होंने आगे कहा कि भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के नायक थे,जिन्होंने जनजातीय समाज के लिए संघर्ष किया था।उनका जन्म रांची में हुआ था।अभी रांची झारखंड में है लेकिन उस समय बंगाल,बिहार,उड़ीसा सभी एक ही राज्य थे।केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने मेहमानों का भावपूर्ण तरीके से स्वागत किया और कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार जताया।