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शराब घोटाले का आरोपी योगेन्द्र तिवारी है बड़ा शातिर ! ED को क्या नई जानकारी लगी हाथ

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रांची(झारखंड)।शराब घोटाले की परत दर परत राज बेपर्दा हो रहे हैं।शातिर शराब माफिया योगेन्द्र तिवारी ईडी के शिकंजे में कशमशा तो रहा है।लेकिन,छटपटाने के बावजूद बताने में आनाकानी कर रहा है।हालांकि,जांच एजेंसी को जो दस्तावेज और जानकारियां हाथ लगी हैं,उसमे तो कई सफेदपोशों,नौकरशाहों,कारोबारियों और सत्ता के करीब रहने वाले दलालों की सांठगांठ से ही नशे के इस धंधे में काला खेल खेला गया और चूना लगाया गया।धीरे-धीर ईडी के हाथ उनके गर्दन को मरोड़ने के लिए आगे बढ़ रही है।●ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल●शराब घोटाले के आरोप तिवारी अभी रिमांड पर है और उस पर लगातार नये-नये खुलासे ईडी कर रही है।जांच एजेंसी को जो साक्ष्य मिले उसमे जमीन की लूट और ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े सवाल भी तिवारी से पूछे। लेकिन,इसका जवाब शराब माफिया साफ तौर पर नहीं दे रहा है और भटकाने की कोशिश कर रहा है।ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तिवारी सिर्फ शराब का ही काम नहीं किया करता था,बल्कि ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए कुछ अफसरो को प्रेम प्रकाश से भी मिलवाया था।राजनेताओं और नौकरशाहो का करीबी माने जाने वाले प्रेम प्रकाश ने इन अफसरों से वसूली भी की थी।●जमीन की लूट●ईडी को जो सबूत मिले उसमे जमीन की लूट का खेल भी सामने आया है।ईडी ने देवघर के श्यामगंज थाना में 27 हजार 413 स्क्वॉयर फीट जमीन हथियाने में सीओ अमर प्रसाद की भूमिका पायी है।जांच में ये बात सामने आई की अमर प्रसाद ने जमीन के लिए लैंड पोजेशन सर्टिफिकेट 16 जनवरी 2020 की शाम 5.40 बजे ईमेल पर डिप्टी सब रजिस्ट्रार को भेजा था।जांच के क्रम में ये पाया गया कि फाइल में यह एलपीसी 3 जुलाई 2019 को जारी की गई बतायी गई थी।चौकाने वाली बात ये है कि सीओ अमर प्रसाद ने एलपीसी ई-मेल करने के काफी पहले 14 अक्टूबर 2019 को ही तबादले के बाद सीओ का चार्ज अनील कुमार सिंह को दे दिया था।इस एलपीसी के जारी होने के बाद योगेन्द्र तिवारी की कंपनी मेसर्स सारण अल्कोहल प्राइवेट लिमिटेड और ब्रज मोहन सिंह को जमीन की रजिस्ट्री हो गई थी।इस मामले में दर्ज केस में भी देवघर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।सोचिए और समझिए किस तरह मिलीभगत और चालाकी के जरिए जमीन हथियाने का खेल,खेला गया।खैर छह दिनों की रिमांड में चल रहे योगेन्द्र तिवारी जांच में उतना सहयोग तो नहीं कर रहा है।लेकिन,जिस तरह ईडी लगातार राज खोल रही है। इससे ये साफ ताकीद होती है कि तिवारी शराब के धंधे का मास्टर तो था ही,इसके साथ ही उसने पैर हर उस जगह पर फैला रखे थे।जहां से दौलत बटोरी जा सके।इसके लिए उसने सत्ता के दलालों,सरकारी मुलाजिमों , सफेदपोशों और कारोबारियों का एक नेटवर्क खड़ा कर रखा था।जिसकी सांठगांठ से ही अपनी सल्तनत बना रखी थी।सोमवार को शराब घोटाले को लेकर गोड्डा और देवघर में कई नामचीन लोगों के घरों में छापेमारी हुई है।लाजमी है कि इससे कुछ ओर नये खुलासे होंगे और तिकड़म नई कहानी सुनने को मिलेगी।

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