सिमडेगा में चंद पैसों के लिए एक साथ विधवा बन गई कई सुहागिन महिलाएं
1 min read

रांची ब्यूरो।सिमडेगा जिले में पति के देहांत होने के बाद महिलाओं को आपने विधवा होते देखा होगा।लेकिन क्या आपने कभी पति के जिंदा रहते ही किसी महिला को विधवा होते देखा है.. नहीं ना…मगर आज हम आपको ऐसी महिलाओं के बारे बताएंगे जो चंद पैसों की चाह में पति के रहते विधवा बन गई है।वो भी एक या दो नहीं..बल्कि करीब एक दर्जन महिलाएं।दरअसल,गड़बड़ झाला का यह मामला सिमडेगा जिले के ठेठाईटांगर प्रखंड से प्रकाश में आया है। जहां कई महिलाएं सिर्फ सरकारी पैसे का लाभ लेने के एवज में अपने पति के जिंदा रहते ही विधवा बन गई है। यहां एक महिला ऐसी भी है जो एक पारा शिक्षक की पत्नी है और वह विधवा बनकर सरकारी पैसे का लाभ ले रही है और पति जो पारा शिक्षक है वह भी सरकारी वेतन उठा रहा है।●पति के जीवित रहते पेंशन का लाभ ले रही महिलाएं●जिले के ठेठईटांगर प्रखंड की कोरोमिंग पंचायत से फर्जी तरीके से विधवा पेंशन लेने वाली कुल 12 महिलाओं को चिन्हित किया गया है।जिसमें फुलवती देवी,शनियारो देवी, कष्टी देवी,रीता देवी,सावित्री देवी,गुड्डी देवी,मैनी देवी, शहरी देवी,तारा देवी,ललिता देवी,पुनिया देवी और गुडिया देवी के नाम शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन सभी महिलाओं के पति अभी भी जीवित हैं और ये सभी महिलाएं सरकार से विधवा पेंशन का लाभ उठा रही है। इन महिलाओं में एक रीता देवी के पति का नाम धर्मजय बैठा है जो पारा शिक्षक हैं वह भी हर महीने सरकार से वेतन ले रहा है और दूसरी तरफ उनकी पत्नी भी सरकार से विधवा पेंशन का लाभ ले रही है।वहीं जब यह मामला प्रकाश में आया तो पारा शिक्षक और पत्नी जो विधवा पेंशन का लाभ ले रही है उनसे पूछताछ की गई। दरअसल,इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पंचायत की मुखिया द्वारा पेंशनधारियों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा था। इस बीच मुखिया ने देखा की कई ऐसी महिलाओं के नाम भी शामिल है जिनके पति जीवित है और वे विधवा पेंशन का लाभ ले रही है। मुखिया ने इसकी जानकारी पंचायत सचिव को दी,कि कुछ महिलाएं गलत और फर्जी तरीके से पिछले कई महीनों से विधवा पेंशन ले रही हैं।जिसमें इन महिलाओं के पति का मुखिया ने न तो मृत्यु प्रमाण पत्र दिया है और न ही विधवा पेंशन की अनुशंसा की है।●विधवा पेंशन दिलवाने वाले व्यक्ति का खुलासा●वहीं जब यह मामला ठेठईटांगर बीडीओ के पास पहुंचा तो उन्होंने हरकत में आते हुए विधवा पेंशन का लाभ लेने वाली सभी के खिलाफ ठेठईटांगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।वहीं, मामले की जानकारी देते हुए बीडीओ ने कहा कि उनके पास भी इन सभी महिलाओं का आवेदन नहीं आया था। पेंशन सीधे तौर पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत किया गया है। बीडीओ ने आगे बताया कि जब शिकायत मिलने के बाद जांच की गई तो मामले में यह पता चला कि कोरोमिया पंचायत निवासी घुमा बड़ाइक द्वारा कुछ महिलाओं से उनका आधार कार्ड,बैंक पासबुक की छायाप्रति,फोटो और कुछ पैसे लेकर जिला स्तर से उन्हें विधवा पेंशन दिलवाया गया है।उन्होंने बताया कि संबंधित महिलाओं को विधवा पेंशन का लाभ देने के लिए पंचायत या प्रखंड स्तर से अनुशंसा नहीं दी गई है।लेकिन इसके बावजूद उनका नाम योजना से कैसे जुड़ गया है यह जांच का विषय है।सरकारी महकमे के कौन-कौन लोग इस मामले में शामिल हैं जो बेखौफ होकर धड़ल्ले से सरकार के पैसों का इस तरह बंदरबांट किए जा रहा है यह जांच का विषय है।हो सकता है मामले में गहनता से जांच करने पर जिलेभर से ऐसा मामला सामने आ जाए। हालांकि सिमडेगा के ठेठईटांगर प्रखंड में सामने आई फर्जी पेंशन का यह मामला तो महज एक बानगी है अगर पेंशन योजना के लाभुकों की जांच उच्च स्तरीय कराई जाए तो सरकार के पैसे का करोड़ों के गबन करने का मामला सामने आ सकता है।