युद्ध की तैयारी के लिए त्वरित और पारदर्शी निर्णय लेना महत्वपूर्ण:रक्षा मंत्री
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नई दिल्ली।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध की तैयारी के लिए न केवल पर्याप्त वित्तीय संसाधनों की जरूरत होती है,बल्कि इसके लिए त्वरित और पारदर्शी निर्णय लेना भी महत्वपूर्ण है। निर्णय लेने में देरी से समय के साथ-साथ धन की भी हानि होती है।इसके अलावा देरी से लिए गए निर्णयों का देश की युद्ध तैयारी पर भी प्रतिकूल प्रभाव होता है।इसे सुनिश्चित करने में रक्षा लेखा विभाग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।रक्षा मंत्री सोमवार को नई दिल्ली में रक्षा लेखा विभाग (डीएडी)की ओर से आयोजित वित्त नियंत्रकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।रक्षा लेखा विभाग से समय पर निर्णय लेने का आह्वान करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि इस वर्ष रक्षा बजट के लिए 5.25 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसका उचित खर्च सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी रक्षा लेखा विभाग की है।उन्होंने कहा कि रक्षा लेखा विभाग को अपने अंदर सुधारों की एक प्रक्रिया चलाने की भी जरूरत है।अपनी आईटी क्षमताओं को विकसित करने के साथ ही वित्तीय जानकारी बढ़ानी चाहिए,ताकि हम और अधिक क्षमता के साथ ऑडिट इत्यादि का काम कर सकें।रक्षा मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि रक्षा लेखा विभाग अपनी वित्तीय सलाह से सरकारी खर्च में बचत करने का प्रयास करे,ताकि उस धन को देश के स्वास्थ्य, शिक्षा,इन्फ्रास्ट्रक्चर या अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सके।उन्होंने कहा कि ऑडिटर्स का काम वित्तीय व्यवस्था में एक प्रहरी जैसा है,लेकिन कुछ ऑडिटर्स इसके विपरीत कार्य करने लगते हैं।हमारे अंदर कहीं ऐसी मानसिकता न पनपने लगे,इसका हमें पूरा खयाल रखना है।उन्होंने कहा कि विभाग से मेरी यह अपेक्षा रहती है कि सैनिकों, पेंशनधारियों या अन्य हितधारकों को सही समय पर सही भुगतान मिले।साथ ही इस प्रक्रिया में कहीं कोई समस्या आए तो उसका भी त्वरित और निष्पक्ष समाधान हो।रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा लेखा विभाग का प्रमुख कार्य रक्षा मंत्रालय के संगठनों को वित्तीय सलाह प्रदान करना है।देश की युद्ध तत्परता के लिए न केवल समुचित वित्तीय संसाधन का उपलब्ध होना आवश्यक है,बल्कि इसके लिए त्वरित और पारदर्शी निर्णय लेने की भी आवश्यकता होती है।निर्णय लेने में की गई देरी से समय और धन दोनों की हानि तो होती ही है,साथ ही इससे देश की युद्ध तत्परता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।इसे सुनिश्चित करने की दिशा में रक्षा लेखा विभाग की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।