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उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने उन्मेषा इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल के समापन सत्र को किया संबोधित,बोले- ‘बिहार माता सीता की जन्मभूमि’

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बिहार माता सीता की जन्मभूमि-उपराष्ट्रपति

 

पटना(बिहार)।उपराष्ट्रपति सी.पी.राधाकृष्णन रविवार को अपने बिहार दौरे पर राजधानी पटना पहुंचे।यहां उन्होंने बापू सभागार में आयोजित उन्मेषा इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे संस्करण के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।राजधानी में उनका स्वागत राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह,साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल समेत कई गणमान्य लोगों ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में तमिलनाडु भगदड़ हादसे में मारे गए 39 लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन भी रखा गया।कार्यक्रम में साहित्यकार,शोधकर्ता, बुद्धिजीवी और छात्रों की बड़ी संख्या मौजूद रही। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह उनका बिहार का पहला दौरा है और इस पवित्र भूमि का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है।उन्होंने बिहार को माता सीता की जन्मभूमि बताते हुए कहा कि माता सीता ने साहस और धैर्य का जीवन जीकर पूरे विश्व को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यही सीख हमें भी संघर्ष और आगे बढ़ने की शक्ति देती है।उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि बिहार सदियों से क्रांतिकारियों का केंद्र रहा है।उन्होंने बताया कि वे स्वयं 19 वर्ष की आयु में जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन का हिस्सा बने थे।उन्होंने छठ पर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पर्व हमारी संस्कृति की विशिष्टता है, जहां उगते सूर्य के साथ-साथ डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है।सांस्कृतिक विविधता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने एक प्रसंग साझा किया। उन्होंने बताया कि यूरोप में एक मित्र ने मुझसे पूछा था कि इतने भाषाई भेदों के बावजूद भारत एकजुट कैसे रहता है?इसके जवाब में मैंने उत्तर दिया कि हमारा धर्म हमें जोड़ता है।

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