उत्तराखंड : लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पैतृक गांव गवाणा में मनाया गया जश्न
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नेशनल डेस्क:लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त)अनिल चौहान को देश का प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का समाचार मिलते ही उनके पैतृक गांव गवाणा में जश्न मनाया गया।यहां से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में गुरुवार को अचानक रौनक बढ गयी और लोग चौहान के घर के आंगन में जमा होने लगे जहां उनके चचेरे भाई रहते हैं और इस मौके पर उन्होंने घर आने वाले लोगों का मिठाई खिला कर स्वागत किया।देवलगढ़ मोटर मार्ग पर स्थित गवाणा में लगभग 30 परिवार रहते हैं।रूद्रप्रयाग से परिवार के साथ खुशी मनाने आयी चौहान की चचेरी बहन जयंती ने कहा,‘यह हमारे लिए बहुत बड़ा क्षण है।मैं उनके सीडीएस बनने पर बहुत खुश हूं।चौहान से सात माह बड़ी जयंती ने कहा कि उनके साथ वह बचपन में खेलती थीं और उनके साथ बिताए समय की उनके पास बहुत सी यादे हैं।प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के चचेरे भाई दर्शन सिंह चौहान(57)ने बताया कि चौहान सीधे और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं और परिवार के लोगों के साथ अक्सर वे गढ़वाली भाषा में ही बात करते हैं। प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनके भाई ने गांव के साथ ही पूरा क्षेत्र और उत्तराखंड का मान बढ़ा दिया है।वर्ष 1981 में भारतीय सेना की 11 वीं गोरखा राइफल में भर्ती हुए चौहान का परिवार आज से लगभग 50 वर्ष पहले अपने गांव गवाणा से देहरादून चला गया था,लेकिन दिल्ली में रहने वाले उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान(95)का गांव से संपर्क बना हुआ है।अठारह मई,1961को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल चौहान की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता में हुई थी।उन्होंने परमाणु हमले के विनाशकारी प्रभाव पर आधारित एक किताब ‘आफ्टरमैथ ऑफ न्यूक्लियर अटैक’ लिखी है जो 2010 में प्रकाशित हुई थी।चौहान आखिरी बार जून 2016 में एक पूजा में शामिल होने गवाणा आए थे।गांव के युवा सूरज कपरवान ने कहा कि जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना में भर्ती होने वाले उत्तराखंड के युवाओं के लिए ऊंचाई सहित कुछ अन्य मानकों में ढील दी थी।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अब अनिल चौहान भी उत्तराखंड के युवाओं के लिए उस मानक को बरकरार रखेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को देश का दूसरा प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इससे पहले प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष रहे जनरल बिपिन रावत भी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के ही रहने वाले थे। बीते वर्ष दिसंबर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया था।