जामताड़ा:बहुचर्चित चिरुडीह नरसंहार मामले में 49 साल बाद 8वें दोषी को मिली उम्रकैद की सजा
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जामताड़ा ब्यूरो(झारखंड)।बहुचर्चित चीरूडीह नरसंहार के मामले में जामताड़ा व्यवहार न्यायालय में आठवें दोषी रमाकांत दत्ता(75)को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।बता दें कि घटना के 49 साल बाद यह फैसला आया है।न्यायालय में सजा की सुनवाई पूरी होने के बाद रमाकांत को जामताड़ा जेल भेज दिया गया।रमाकांत जामताड़ा के श्यामपुर गांव का रहनेवाला है।उसे कोर्ट से निर्गत लाल वारंट के आधार पर पुलिस ने 08 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया था।वह दो महीने से जामताड़ा जेल में बंद है।●11 लोगों की कर दी गयी थी हत्या●ज्ञात हो कि नरसंहार का मामला 23 जनवरी 1975 को नारायणपुर थाना में दर्ज किया गया था।इसमें आरोप लगाया गया था कि बांसपहाड़ी,रजैया,चीरूडीह, तरनी,मुचियाडीह तथा रसियाभिट्ठा गांव के निकट नदी किनारे घातक हथियार के साथ महाजनी प्रथा के खिलाफ बलवा करने के उद्देश्य से नाजायज मजमा लगाया गया था।इस दौरान 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी।घटना के बाद पुलिस ने सात हथियार बरामद किए थे।रमाकांत दत्ता के पास से बंदूक बरामद की गई थी, जिसका लाइसेंस जय कुमार सेन के नाम पर निर्गत था।●14 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में किया गया था बरी●इस मामले में कुल 28 आरोपी बनाए गए थे,लेकिन 22 के खिलाफ ही कोर्ट में ट्रायल हुआ।क्योंकि घटना के बाद छह आरोपी गायब हो गए थे।मामले में 12 मार्च 2008 को जामताड़ा के एडीजे-वन के न्यायालय ने 14 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया था।●शिबू सोरेन समेत अन्य हो चुके हैं बरी●बता दें कि इस मामले में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन,खूबलाल पंडित, छोटू सोरेन,जगन्नाथ पंडित, श्यामलाल हेंब्रम,दशरथ मुर्मू सहित अन्य आरोपी भी नामजद थे।हालांकि निचली अदालत से शिबू सोरेन सहित अन्य को पहले ही बरी किया जा चुका है।