जातीय सर्वे की पंचायत-वार रिपोर्ट विधानसभा में पेश करे सरकार:सुशील कुमार मोदी
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●इसी सत्र में अतिपिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट भी सदन में रखें नीतीश●जातीय जनगणना पर अमित शाह की टिप्पणी से विपक्ष को लगी मिर्ची●कनार्टक,तेलंगाना के जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी कराये इंडी गठबंधन●बिहार में भाजपा के सरकार में रहते हुआ था जातीय सर्वे का निर्णय●
पटना(बिहार)।पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विधान मंडल के शीतकालीन सत्र में सरकार को जातीय सर्वे की पंचायत-वार रिपोर्ट और इस सर्वे के आधार पर तैयार होने वाले विकास मॉडल का प्रारूप सदन के पटल पर रखना चाहिए।उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव में आरक्षण देने के लिए पिछले साल बिहार सरकार ने डेडीकेटेड अतिपिछड़ा आयोग गठित किया था।उसकी रिपोर्ट जारी नहीं हुई। वह रिपोर्ट भी विधान मंडल में प्रस्तुत की जानी चाहिए।श्री मोदी ने कहा कि जातीय जनगणना का श्रेय लूटने में लगे राजद-जदयू को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सकारात्मक वक्तव्य से तीखी मिर्ची लग रही है।वे भाजपा की छवि बिगाड़ने के लिए केंद्र की प्रतिकूल टिप्पणी की उम्मीद कर रहे थे।उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे कराने का निर्णय उस एनडीए सरकार का था, जिसमें भाजपा के 14 मंत्री थे।उस समय राजद सरकार में नहीं था।श्री मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार आज उस कांग्रेस के साथ हैं,जिसने कई दशकों तक केंद्र और राज्यों की सत्ता में रहने के बाद भी न जातीय जनगणना करायी,न पिछड़ों को आरक्षण दिया।उन्होंने कहा कि कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ने 2015 में जातीय सर्वे कराया था।आठ साल से दबी उस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए नीतीश कुमार क्यों नहीं राहुल गांधी से बात कर रहे हैं?श्री मोदी ने कहा कि तेलंगाना में केसीआर की सरकार ने भी जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी नहीं की।