‘कर्पूरी चर्चा’,’भीम संवाद’ के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे नीतीश:सुशील कुमार मोदी•जदयू उस कांग्रेस के साथ, जिसकी सरकार में 15 पैसा गरीब तक पहुंचता था•वरिष्ठ अधिकारियों को 765 जिलों में भेजना नौकरशाही का सदुपयोग


पटना(बिहार)।पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पीएम आवास, आयुष्मान भारत और उज्ज्वला रसोई गैस जैसी गरीब कल्याण योजनाओं के जमीन पर लागू होने की स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को देश के 765 जिलों में भेजने का प्रधानमंत्री मोदी का फैसला नौकरशाही का सदुपयोग है,जबकि नीतीश सरकार ‘कर्पूरी चर्चा’, ‘भीम संवाद’ और मुख्यमंत्री की सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए विकास मित्र एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लगाकर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है।श्री मोदी ने कहा कि अधिकारियों का काम केवल एसी कमरों में बैठ कर योजनाओं की समीक्षा करना नहीं,बल्कि भौतिक रूप से मौके पर जाकर यह देखना भी है कि गरीबों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है या नहीं।योजनाओं का सम्पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करना क्या लोकसेवक का दायित्व नहीं है?उन्होंने कहा कि अफसरों को गरीबों के पास भेजने वाली “विकसित भारत संकल्प यात्रा” से मल्लिकार्जुन खड़गे और ललन सिंह को मिर्ची क्यों लग रही है?उन्होंने कहा कि जदयू के भीम संवाद में दलित बस्तियों से भीड़ जुटाने का जिम्मा राज्य सरकार से मानदेय पाने वाले “विकास मित्रों” को सौंपना सत्ता का दुरुपयोग है।क्या जदयू का कैडर समाप्त हो गया है?श्री मोदी ने कहा कि “कर्पूरी चर्चा” कराने में राज्य सरकार अतिपिछड़ा कल्याण विभाग का भी दुरुपयोग कर रही है। जदयू को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए।