वक्फ बिल के नाम पर ममता सरकार ने भड़कायी हिंसा:मंगल पाण्डेय,मंत्री
1 min read
[ ममता सरकार में हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना,अपने घरों में भी असुरक्षित,
सरकार ने भड़काया दंगा,तुष्टिकरण के जरिए ली जा रही राजनीतिक लाभ ]
पटना ब्यूरो।बिहार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री व भाजपा पश्चिम बंगाल के प्रभारी मंगल पांडेय ने ममता सरकार पर यह आरोप लगाया है कि वो अपने राज्य में हिंदुओं को डरा रही है।साथ ही राज्य को बंगलादेश बनाने की कोशिश कर रही हैं।राज्य की पुलिस सीएम के इशारे पर मौन है।कत्ल हो रहे हैं मगर संवेदनशून्य सीएम ममता तमाशा देख रही हैं।नतीजतन मामले पर कोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा है।कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के आदेश दिए हैं। वक्फ कानून के विरोध में राज्य में 10 अप्रैल से ही हिंसा का दौर जारी है।इस हिंसा को सरकार ने प्रायोजित किया है, ताकि एक खास वर्ग को वोटबैंक की खातिर खुश किया जाए और एक खास धर्म को निशाना बनाकर तुष्टिकरण की राजनीति की जाए।श्री पांडेय ने कहा कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में फिर हिंसा भड़क गई।हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर गरीब हिंदू परिवार के पिता-बेटे की हत्या कर दी।इनकी पहचान हरगोविंद दास(पिता)और चंदन दास(बेटे)के रूप में हुई है।दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे।वहीं,गोली लगने से एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया।मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है।मेरी सरकार से अपील से है कि वो हिंसाग्रस्त क्षेत्र में हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराए,सबकी जान कीमती है।सरकार राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं।मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल सरकार इसका राजनीतिक फायदा लेना चाहती है।यही वजह है कि ममता सरकार ने एक खास धर्म के लोगों को वक्फ बिल के नाम पर भड़काया है।श्री पांडेय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आज हिंदू अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं।उन्हें अपने त्योहार मनाने के लिए भी कोर्ट जाना पड़ता है।पूरी तरह से ममता सरकार सरिया कानून की समर्थक है।जो अपने देश में बनाए गए पूजनीय बाबा साहब अंबेडकर के कानून को नहीं मानती है।ममता सरकार कानून,संविधान व सनातन विरोधी है।ये लोग केवल अपना एजेंडा चलाना चाहते हैं।हिंदुओं की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल ही एक मात्र विकल्प है।ममता सरकार पर हिंदुओं का भरोसा नहीं रह गया वो इनके राज में डरे हुए हैं।