28 साल बाद आया कोर्ट का फैसला,जमीन विवाद में हत्या के मामले में 14 लोगों को उम्रकैद
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मधुबनी ब्यूरो।बिहार के मधुबनी के भैरव स्थान थाना क्षेत्र के झौआ गांव में 28 साल पुराने जमीन विवाद में आखिरकार मधुबनी न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है।इस मामले में 5 अगस्त 1997 को दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था,जिसमें हमले की वजह से योगेंद्र यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।बता दें कि 28 साल पहले हुए इस विवाद में मृतक के परिजन नागेश्वर यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा था।मधुबनी पुलिस ने नागेश्वर यादव के फर्द बयान पर मामला दर्ज किया था,जिसे 6 अगस्त 1997 को पंजीबद्ध किया गया था।वहीं 28 साल की लंबी लड़ाई के बाद,जिला न्यायाधीश अनामिका टी ने इस मामले में फैसला सुनाया है।उन्होंने कमल यादव को बी.एन.एस.की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है।अन्य आरोपियों में चंदर यादव,जमुना यादव,महेश यादव,सुरेश यादव,रघुनी यादव,बिंदेश्वर यादव,ललित यादव,प्रमोद यादव,सूरत यादव,बौअन यादव,कारी यादव और कुशे यादव को एसटीएन 429/98 के तहत उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।मधुबनी न्यायालय ने 11अन्य आरोपियों को पहले ही रिहा कर दिया था।इनमें सुन्नर यादव,शत्रुघन यादव,इनर यादव,जयनारायण यादव,फिरु यादव,नेपाल यादव,जददू यादव,चुम्मन यादव,शैलेंद्र यादव,योगेंद्र यादव उर्फ पोता और देवेंद्र यादव शामिल थे।इस ऐतिहासिक फैसले को प्रतिपक्ष ने न्याय की जीत बताई है।पीपीओ मनोज तिवारी ने भी इस फैसले को महत्वपूर्ण बताया और न्यायालय के सभी अधिवक्ताओं ने जिला न्यायाधीश अनामिका टी को शुभकामनाएं दी है।अभी तक का सबसे बड़ी फैसला जिला न्यायाधीश अनामिका टी के द्वारा दिया गया है।जिससे न्यायालय के सभी अधिवक्ता न्यायाधीश अनामिका टी को बहुत-बहुत शुभकामना दे रहे हैं।वहीं प्रतिपक्ष ने फैसले को अहम बताते हुए इसे न्याय की जीत कहा है।