धूमधाम से मनाया गया बिहार रेजिमेंटल केंद्र का 79 वां स्थापना दिवस
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दानापुर/पटना ब्यूरो।बिहार रेजिमेंटल केंद्र का 79वां स्थापना दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर देश की खातिर अपने प्राण न्योछावर कर देने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ,सर्व धर्म स्थल पर पूजा एवं सैनिक सम्मलेन का आयोजन किया गया।बिहार रेजिमेंट केंद्र के 79वें स्थापना दिवस पर उपसमादेष्टा कर्नल तेजिंदर पाल सिंह हुंदल ने दानापुर छावनी स्थित बिहार रेजिमेंट केंद्र के वीर स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर जवानों को याद किया और सभी रैंकों को स्थापना दिवस की बधाई दी।बिहार रेजिमेंट केंद्र की स्थापना 01नवंबर 1945 को लेफ्टिनेंट कर्नल आरसी मुलर द्वारा आगरा में की गई थी।इस रेजिमेंट का पिछले 79 वर्षों से राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा का इतिहास है।प्रथम बिहार बटालियन की स्थापना 15 सितंबर 1941को मेजर जेआरएच ट्वीड,मिलिट्री क्रॉस द्वारा की गई थी।बीच में केंद्र को थोड़े समय के लिए गया और बाद में 1949 में दानापुर में स्थानांतरित कर दिया गया।भारतीय सेना के इतिहास में, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बिहार रेजिमेंट के योद्धाओं की वीरता और साहस स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।वर्ष1971 में,वीर बिहारी जवानों ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।कारगिल और हाल ही में गलवान ऑपरेशन में,रेजिमेंट के सैनिकों ने अदम्य साहस और बहादुरी का प्रदर्शन किया और विपरीत परिस्थितियों में पाक और चीनी सेना के खिलाफ अपनी ताकत और क्षमता साबित की।बिहार रेजिमेंट को अपनी अनुकरणीय सेवा के लिए 03 अशोक चक्र,03 महावीर चक्र,12 कीर्ति चक्र,16 वीर चक्र,47 शौर्य चक्र,06 परम विशिष्ट सेवा पदक,38 विशिष्ट सेवा पदक,07 युद्ध सेवा पदक,187 सेना मेडल,03 जीवन रक्षक पदक और 40 मेंशन इन डिस्पैच से सम्मानित किया गया है।बिहार रेजिमेंट केंद्र को “ऑपरेशन कोसी प्रहार” में बाढ़ राहत ऑपरेशन के सफल संचालन के लिए अपनी प्रतिबद्धता और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए 2008 में जीओसी-इन-सी सेंट्रल कमांड यूनिट प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया और भारतीय सेना के इतिहास में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित होने वाला पहला रेजिमेंट केंद्र बनकर बिहार रेजिमेंट केंद्र ने इतिहास रचा।सभी अधिकारियों,जेसीओ और सैनिकों ने वीर स्मृति स्थल पर हमारे शहीद नायकों की याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।पुष्पांजलि के दौरान सेना के बैंड ने वंदे मातरम और रेजिमेंटल गीत सहित देशभक्ति की धुनें बजाई।