झारखंड:हैप्पी बर्थडे कैप्टन कूल:43 के हुए माही,पिता की बात मान लेते तो नहीं बन पाते इतने बड़े खिलाड़ी
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रांची ब्यूरो(झारखंड)।भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज यानी 7 जुलाई को 43 साल के हो गए।माही के जन्म दिन को समर्थक एक त्योहार के रुप में मनाते है।रांची में माही के घर के बाहर भी हजारों की संख्या में उनके चाहने वाले पहुंच कर जन्म दिन को सेलिब्रेट करते है।एक अलग सा उत्साह देखने को मिलता है।शायद ही कोई दूसरा अब माही जैसा आएगा।जो मैदान में रहे तो लोग अंतिम गेंद तक हार नहीं मानते है।देखे तो माही भले ही 43 साल के हो गए लेकिन किसी भी यंग खिलाड़ी को टक्कर देते है यूं कहें कि कोई दूर दूर तक है ही नहीं।माही का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था।एक मीडिल क्लास परिवार से निकल कर माही ने दुनिया को अपने कदमो में ला दिया।किसी ने नहीं सोचा था छोटे से घर छोटे शहर से निकला लड़का दुनिया में डंका बजवा देगा।माही के पिता मेकॉन में काम करते थे।एक छोटे से घर मे माही के कैरियर की शुरुआत हुई है।माही एक ऐसे कप्तान है जिन्होंने अपने कार्यकाल में टी 20 वर्ल्ड कप,वन डे वर्ल्ड कप,एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट को जीत कर देश का नाम रौशन किया है।1983 में कपिल देव के बाद महेंद्र सिंह धोनी के कप्तानी में 2011 वन डे वर्ल्ड कप जितने का रिकॉर्ड भी धोनी के नाम दर्ज है।इससे पहले 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप माही की कप्तानी में जितने में सफल हुए है।पूरे देश में माही के जन्म दिन पर उत्साह का माहौल देखने को मिलता है।माही के करियर की शुरुआत रांची के में मेकॉन ग्राउंड से हुई थी।जब माही मैदान में उतरते थे तो लंबे-लंबे शॉट लगाते थे।इसी दौरान उनका चयन रणजी खेलने के लिए झारखंड टीम से हुआ।जिसके बाद जमशेदपुर के किनन स्टेडियम में उन्होंने पहले रणजी का मैच खेला था।इस मैच में माही ने काफी बेहतर प्रदर्शन दिखाया था यहीं से माही के करियर में उछाल आया।माही का बल्ला चलता गया और इंडिया टीम में अपनी जगह बना ली।रणजी खेलने के बाद माही को रेलवे में नौकरी दी गई थी।महेंद्र सिंह धोनी खड़कपुर में टीटी का काम कर चुके हैं।खेल के जरिए मिली नौकरी से पूरा परिवार काफी खुश था। लेकिन माही को कुछ और ही करना था,माही ने टीटी की नौकरी छोड़ दी।जिसका इनके पिता ने विरोध भी किया था।लेकिन बाद में पिता को अपने बेटे के इस निर्णय पर गर्व महसूस हुआ।महेंद्र सिंह धोनी पिता के कहने पर नौकरी ना छोड़ते तो आज भारत को इतना बड़ा खिलाड़ी नहीं मिल पाता।