झारखंड विधानसभा में पहली बार दिखने वाली इस जोड़ी की केमिस्ट्री के क्या होंगे सियासी मायने..
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रांची ब्यूरो(झारखंड)।झारखंड के इतिहास में यह पहला मौका होगा,जब पति-पत्नी एक साथ विधानसभा में नजर आएंगे।पति मुख्यमंत्री तो पत्नी विधायक की हैसियत से मौजूद रहेंगी।कल्पना सोरेन गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से चुनकर विधायक बनी हैं।हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद राजनीतिक निर्णय लेने में कल्पना सोरेन की अहम भूमिका अब साफ नजर आने लगी है।हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद जिस साहस,बहादुरी और चतुराई से कल्पना सोरेन ने चुनाव प्रचार अभियान को संभाला,झारखंड मुक्ति मोर्चा को एकजुट रखा,उससे उनकी नेतृत्व क्षमता का पता चला है।यही नहीं पिछले एक सप्ताह से दोनों हर कार्यक्रम में साथ नजर आ रहे हैं।अपने आवास पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करना हो,संथाल हूल दिवस पर साहिबगंज के भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम,राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करना,मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण समारोह और उसके बाद रांची के बंगलामुखी मंदिर में पूजा कार्यक्रम,हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन एक साथ नजर आए।झारखंड में इस समय दो शब्दों की खूब चर्चा हो रही है।’ड्राइविंग सीट’ और ‘को-ड्राइवर’,ये दोनों शब्द राजनीति के नए संकेत दे रहे हैं। 28 जून को हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद कल्पना सोरेन हर पल,हर कार्यक्रम में उनके साथ हैं।पिछले एक सप्ताह के सार्वजनिक कार्यक्रमों में जिस तरह से दोनों सक्रिय रहे हैं,उससे इस पर चर्चा होना बेहद स्वाभाविक है। गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के महज एक घंटे बाद जब हेमंत सोरेन झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालय पहुंचे तो कल्पना सोरेन भी उनके साथ थीं।वहां से लौटते समय हेमंत सोरेन ने अपनी गाड़ी खुद ड्राइव की।ड्राइविंग सीट पर बैठने से पहले उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा-यार आगे से हट जाओ,मैं 5 महीने बाद गाड़ी चला रहा हूं,हमें रोकने में बहुत ताकत लगाई गई।पता नहीं किसे चोट लगेगी, मैं “ड्राइवर” हूं और कल्पना “सह-चालक” हैं,ऐसा कहते हुए हेमंत सोरेन ने जो भी सोचा हो,लेकिन अब यह पूरी तरह साबित हो गया है कि कल्पना सोरेन झारखंड के राजनीतिक फैसले में हेमंत सोरेन की सबसे खास सलाहकार और सहयोगी हैं।यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि जेल जाने से पहले हेमंत सोरेन ने कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी दिलाने की कोशिश की थी।लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि झारखंड में ड्राइविंग सीट और सह-चालक को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है।●झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने साधा निशाना●केंद्रीय मंत्री और झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हेमंत सोरेन के ड्राइविंग सीट पर बैठने से सिर्फ दुर्घटना होगी।जब तक वे ड्राइविंग सीट पर रहेंगे,राज्य की जनता को सिर्फ नुकसान होगा।हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य को पहले भी नुकसान हुआ है और आगे भी नुकसान होगा।