टीएमबीयू में आयोजित पेंशन अदालत में आए 40 मामले, कुलपति ने पेंशन से जुड़ी समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता के तौर पर निपटाने के दिये आदेश
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बिहार ब्यूरो।तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू)के सिंडिकेट हॉल में मंगलवार को कुलपति प्रो. जवाहर लाल की अध्यक्षता में पेंशन अदालत लगाया गया। पेंशन अदालत में करीब तीन दर्जन से अधिक पेंशनधारियों ने अपनी फरियाद कुलपति के समक्ष रखी।ज्यादातर मामले सेवान्त लाभ,ग्रेच्युटी, वेतनान्तर,एरियर आदि से जुड़े हुए थे।कुलपति प्रो. जवाहर लाल बारी-बारी से पेंशन अदालत में आये सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मियों से उनकी समस्याएँ सुनी।कुलपति ने कहा कि टीएमबीयू प्रशासन सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मियों की समस्याओं का समाधान तत्परता,पारदर्शिता और जवाबदेयता के साथ करेगा।इसको लेकर विश्वविद्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम के आधार पर मामले तीव्रता से निपटाए जाएंगे। कुलपति ने कहा कि पेंशन के मामले अब ‘ऑन द स्पॉट’ निष्पादित होंगे।विश्वविद्यालय प्रशासन पेंशन मामले के त्वरित निष्पादन को लेकर गंभीर है।पेंशनरों की टीम विश्वविद्यालय को करेगी सहयोग-टीएमबीयू के पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए कुलपति प्रो.जवाहर लाल ने पेंशन अदालत में मौजूद पांच लोगों की एक कमिटी बनाने का निर्देश दिया।यह कमिटी पेंशन मामले के निष्पादन में विश्वविद्यालय प्रशासन को सहयोग करेगी।कमिटी में डॉ अर्जुन प्रसाद,डॉ शरत चन्द्र मंडल,डॉ ज्योतिन्द्र चौधरी, डॉ शिव कुमार एवं डॉ बीरेन्द्र कुमार सिंह को रखा गया है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में पेंशन के मामले को देखने के लिए डीओ अनिल सिंह को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। एसओ शैलेश चक्रवर्ती कार्यों में सहयोग करेंगे।जारी किए जाएंगे हेल्प लाइन नम्बर- कुलपति ने कहा कि पेंशनधारियों की समस्याओं को सुनने के लिए एवं उसके समाधान के लिए विश्वविद्यालय की ओर से हेल्पलाइन नम्बर जारी किया जाएगा।ताकि कोई भी पेंशनधारी अपनी समस्या उस हेल्पलाइन नम्बर पर बता सकेंगे।【रिटायर होने वाले शिक्षकों और कर्मियों के सभी दस्तावेज छह महीने पहले ही विश्वविद्यालय को कराएं उपलब्ध:कुलपति】पीजी हेड और कॉलेज के प्राचार्य सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों और कर्मियों के पेंशन से जुड़े सभी दस्तावेज निश्चित रूप से छह महीने पहले ही विश्वविद्यालय को उपलब्ध करा दें।यदि कोई हेड और प्राचार्य ससमय सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों और कर्मियों का कागजात उपलब्ध नहीं कराते हैं तो दोषी संस्था प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी। कुलपति ने साफ तौर पर कहा कि पेंशन के मामले में वे काफी गंभीर हैं।इसमें कोताही और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पेंशन सेवानिवृत्त इम्प्लाई का अधिकार है।इससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता है।पेंशन अदालत में कई पेंशनधारियों ने कहा कि पूर्व के एफए के अदूरदर्शिता के कारण जानबूझकर पेंशन के फाइल अटकाए जाते रहे हैं। इससे भी पेंशन के मामले बढ़े हैं।अदालत में मौजूद एक महिला ने कहा कि उनके पति का देहांत 5 नवम्बर 2021 को ही हो गया था।अब तक केवल पीएफ का ही लाभ उन्हें मिला है।बकाए वेतनान्तर की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो सका है।वे विश्वविद्यालय का चक्कर लगाते-लगाते ठक गई हैं।कई पेंशनधारी अस्वस्थ होने की वजह से नहीं आ पाए थे।लिहाजा उनके परिवार के सदस्य भी पेंशन अदालत में फरियाद लेकर पहुंचे थे।
हुजूर,मेरे अर्जित अवकाश का भुगतान कर दीजिए,बेटी की शादी करनी है……
पेंशन अदालत में बिंदेश्वरी सिंह ने अपनी पीड़ा जताते हुए कहा कि वे 20 जून 2020 को अवकाश प्राप्त हुए हैं।लेकिन अभी तक अर्जित अवकाश का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। जिससे वे बेटी की शादी नहीं कर पा रहे हैं।मौके पर ही कुलपति ने पेंशन शाखा के एसओ को उनके मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।पेंशन अदालत में सभी पेंशनधारियों ने कुलपति को आवेदन देकर अपनी गुहार लगाई।पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया कि पेंशन अदालत में कुल 40 आवेदन प्राप्त हुए।सभी आवेदनों पर कुलपति ने संबंधित अधिकारियों और सेक्शन इंचार्ज को कार्रवाई करने का आदेश दिया है। शिव कुमार जिलोका ने कहा कि उनका पेंशन 22 महीने बाद शुरू हुआ है।इसलिए उन्हें उक्त अवधि का एरियर, अर्न लिव और ग्रेच्युटी का लाभ मिले।एसएम कॉलेज के रिटायर्ड शिक्षक प्रो. राजभूषण प्रसाद ने कहा कि वे 2015 में सेवानिवृत्त हुए हैं।उन्हें दो इन्क्रीमेंट कम मिला है।टीएनबी लॉ कॉलेज के चतुर्थवर्गीय कर्मी अर्जुन ने कुलपति को बताया कि 2020 में ही वे सेवानिवृत्त हो गए।इसके बावजूद भी उन्हें अब तक पेंशन का कोई लाभ नहीं मिला है।इस पर कुलपति ने एसओ शैलेश चक्रवर्ती को मौके पर ही मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया।कई अन्य शिक्षकों और कर्मियों ने भी सेवान्त लाभ नहीं मिलने की शिकायत कुलपति से की।
एसएम कॉलेज के रिटायर्ड कर्मी अजय कुमार शर्मा ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे वर्ष 2019 में ही सेवानिवृत्त हो गए हैं।लेकिन अभी तक पेंशन से संबंधित कागजात कॉलेज ने विश्वविद्यालय को नहीं भेजा है।इस मामले में कुलपति ने अपने निजी सहायक से फोन कर एसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य को बुलवाने का आदेश दिया। कुलपति द्वारा प्रभारी प्राचार्य को तलब किये जाने पर बताया गया कि उनकी माता का निधन पिछले दिनों हो गया था।इसलिये मातृशोक के कारण वे आने में असमर्थ्य हैं।पूर्व सीसीडीसी डॉ केएम सिंह ने भी अपने पेंशन से जुड़ी समस्या से कुलपति को अवगत कराया।कुलपति ने कहा कि एफओ को पावर मिलने के बाद पेंशन से जुड़ी सभी समस्याओं का निपटारा त्वरित रूप से किया जाएगा। डॉ ज्योतिन्द्र चौधरी ने कुलपति को सुझाव दिया कि यदि 92 ऐसे पेंशनधारी जिनका मामला एमजेसी 341/2019 आर्डर डेट- 09.01.2023 में चल रहा है, को यदि विश्वविद्यालय तत्काल सभी को 10-10 लाख की राशि का भुगतान कर देती है तो हमलोग उस केस को वापस कर लेंगे। इससे विश्वविद्यालय को भी पेंशन केस मामले में काफी कमी आएगी।डॉ ज्योतिन्द्र चौधरी के उक्त सुझाव पर कुलपति ने सहमति जताते हुए सभी 92 शिक्षकों को ग्रेच्युटी के रूप में 10-10 लाख रुपये देने का निर्णय लिया।यह काम निगोशिएशन के तहत होगा।जिसमें दोनों पक्षों ने आपस मे सहमति जतायी।पेंशनधारियों ने इस निर्णय का स्वागत और सराहना भी की।कुलपति ने कहा कि 92 लोगों के अलावे यदि इसी तरह के कोई और भी समान मामले आएंगे तो उन पर भी यही नियम लागू किया जाएगा।वीसी ने कहा कि पेंशन मामलों का वे खुद रोजाना मोनिटरिंग करेंगे। सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।पेंशन से जुड़े मामले में विश्वविद्यालय की सक्रियता को लेकर राजभवन को प्रतिदिन रिपोर्ट भी किया जाएगा।इसके अलावे टीएनबी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ डीएन झा,डॉ मिथिलेश सिन्हा,डॉ गुरुदेव पोद्दार,डॉ सीबी सिंह,डॉ एससी मंडल सहित कई अन्य सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मियों ने भी अपनी समस्याएं रखी।पेंशन अदालत में टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो.रमेश कुमार, प्रभारी एफओ डॉ सुरेंद्र सिंह, डीओ अनिल सिंह,पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर आदि उपस्थित थे।