टेरर फंडिंग मामले के आरोपी मुकेश गंझू ने किया सरेंडर
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रांची ब्यूरो:मगध व आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग मामले के एक आरोपी मुकेश गंझू ने सरेंडर कर दिया है।इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है।इस मामले में आरोपी भीखन गंझू को रांची पुलिस ने गिरफ्तार किया था।जबकि दो मुख्य आरोपी टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू और आक्रमण गंझू अबतक फरार चल रहा है।ब्रजेश गंझू और आक्रमण गंझू को झारखंड पुलिस और एनआईए ने मोस्ट वांटेड घोषित कर रखा है।बता दें,झारखंड पुलिस ने जहां ब्रजेश गंझू के ऊपर 25 लाख और आक्रमण गंझू के उपर 15 लाख का इनाम घोषित कर रखा है।वहीं एनआईए ने ब्रजेश गंझू पर पांच लाख और आक्रमण गंझू पर तीन लाख का इनाम घोषित कर रखा है।एनआईए को टेरर फंडिंग के दोनों मुख्य आरोपियों की कांड आरसी 06/2018,22/2018 और 23/2018 में मोस्ट वांटेड घोषित कर रखा है।टंडवा थाना में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को एनआईए ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी।सीसीएल,पुलिस,उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी वसूली से संबंधित है। एनआईए ने सीसीएल कर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में लिखा था कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था।इसमें टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण जी ने अनुशंसा की थी और ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला था।इसमें मिली राशि का बड़ा हिस्सा टीपीसी को जाता था।इस मामले में आधुनिक पावर के महाप्रबंधक संजय कुमार जैन,ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह,मास्टरमाइंड सुभान खान,विदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू,प्रदीप राम,विनोद गंझू,अजय सिंह भोक्ता समेत नौ आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे है।