झारखंड : भाकपा माओवादी एरिया कमांडर विमल लोहरा उर्फ बिरसा पाहन उर्फ कोका ने किया आत्मसमर्पण
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ब्यूरो,रांची:भाकपा माओवादी एरिया कमांडर विमल लोहरा उर्फ बिरसा पाहन उर्फ कोका ने किया खूंटी पुलिस के सामने शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया।उपायुक्त शशि रंजन और एसपी आशुतोष शेखर ने नक्सली विमल लोहरा को माला पहना कर स्वागत करते हुए मुख्यधारा में जुड़ने के लिए बधाई दी।नक्सली विमल लोहरा उर्फ बिरसा उर्फ कोका अड़की थाना क्षेत्र का रहनेवाला है।39 वर्षीय विमल लोहरा 2015 से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था।विमल लोहरा पर एक दर्जन मामले खूंटी जिला के अड़की,मुरहू और सायको थाना में दर्ज हैं हत्या,आगजनी,पुलिस पार्टी पर हमला और सरकारी स्कूल अस्पताल,प्रोजेक्ट भवन,टावर को उड़ाने का मामला मुख्य रूप से विमल लोहरा के नाम दर्ज है।खूंटी पुलिस के अनुसार अड़की थाना में कुल आठ मामले,मुरहू थाना में तीन मामले और साइको थाना में एक मामला दर्ज है।वर्ष 2017 के अप्रैल माह में बिरबांकी प्रोजेक्ट हाई स्कूल,अस्पताल, प्रोजेक्ट भवन और टावर को विस्फोट कर उड़ाने का मामला दर्ज है।सितंबर 2017 में मुरहू थाना के किताहातू चौक में पुलिस जवान आशियन पूर्ति को गोली मारकर हत्या की घटना में भी विमल लोहरा शामिल था।हत्या के बाद पुलिस जवान के बाइक को अपने साथ लेकर भाग गया था।2016 में कुरुंदा में पुलिस पार्टी को जान से मारने की नियत से लक्षित कर फायरिंग किया था लेकिन पुलिस पार्टी को भारी पड़ता देख विमल लोहरा अपने दस्ते के साथ जंगल पहाड़ का फायदा उठाकर भाग गया था।2015 में मुरहू थाना क्षेत्र में लाका पाहन की बेटी बिरसी समद की पुलिस मुखबिरी के आरोप में गोली मारकर हत्या भी विमल ने कर दी थी।2018 के फरवरी माह में अड़की थाना क्षेत्र के चलकत कुदालता जंगल के पास हरवे हथियार से लैस होकर खूंटी पुलिस पर जानलेवा हमला और सरकारी कार्य में बाधा डालने का काम किया था।वर्ष 2018 के अगस्त माह में माओवादी बंदी के दौरान खुंटी तमाड़ मेन रोड पर आड़ा घाटी में पंजाबी ट्रेलर चालक की गोली मारकर ट्रेलर में आग लगा दी गई थी।
पुलिस को दिए बयान में विमल लोहरा उर्फ बिरसा उर्फ कोका ने बताया कि वर्तमान में माओवादियों के शीर्ष नेता अपने सिद्धांतों से भटक गई है और भाकपा माओवादी संगठन शोषण एवं लेवी वसूली की पार्टी बन गई है।भाकपा माओवादी शीर्ष कमांडर निचले तबके के कमांडरों एवं महिलाओं का शोषण करते है। माओवादी शीर्ष नेता ग्रामीणों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित करने हेतु दबाव बनाते रहते हैं।आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली विमल लोहरा ने बताया कि लगातार सुदूरवर्ती ग्रामीण आदिवासियों पर दबाव बनाने के लिए शीर्ष नेता प्रताड़ित करते रहते हैं।ग्रामीणों की प्रताड़ना से परेशान और पार्टी के स्थानीय आदिवासियों को महत्व नहीं मिलने के कारण भाकपा माओवादी संगठन को छोड़कर झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर परिवार के साथ रहकर सामान्य जीवन जीने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहा हूं।