30 हजार की नौकरी का झांसा,बेचने की साजिश नाकाम,समस्तीपुर पुलिस ने गुजरात से रेस्क्यू कीं दो बहनें
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मुख्य आरोपी गिरफ्तार,11 दिन में जटिल केस का खुलासा
समस्तीपुर(बिहार)।समस्तीपुर जिले की पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है।शिवाजीनगर पुलिस ने नौकरी का लालच देकर अपहृत की गईं दो सगी नाबालिग बहनों को गुजरात के सिलवासा से सकुशल बरामद कर लिया है।इस अपहरण और मानव तस्करी की साज़िश रचने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी बादल कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।आपको बता दे कि जिले के शिवाजीनगर थाना क्षेत्र की रहने वाली दो नाबालिग बहनें 13 सितंबर से लापता थीं,जिसके बाद 17 सितंबर को पीड़िता की मां ने थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।जांच में पता चला कि दोनों छात्राओं को 30 हज़ार रुपये मासिक नौकरी का झांसा देकर बेचने की साज़िश के तहत अपहरण किया गया था और उन्हें गुजरात ले जाया जा रहा था।इस मामले की गंभीरता को देखते हुए,पुलिस अधीक्षक समस्तीपुर के आदेश पर एसडीपीओ रोसड़ा संजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।पुलिस टीम ने तुरंत तकनीकी अनुसंधान और मोबाइल ट्रैकिंग का सहारा लिया। अपहृतों में से एक छात्रा ने अपहरण के 24 घंटे बाद अपनी मां को मोबाइल से संपर्क किया था,जिससे पुलिस को लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिली।जांच के दौरान पता चला कि बहनों को दादर नगर हवेली और दमन व दीप के सिलवासा क्षेत्र में रखा गया है।एसडीपीओ रोसड़ा की टीम ने बिना देर किए गुजरात पुलिस से समन्वय स्थापित किया और 24 सितंबर को दोनों बहनों को सुरक्षित बरामद कर लिया।पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य आरोपी बादल कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है।आरोपी की पहचान भागलपुर जिले के सन्हौला थाना के महेशपुर गांव निवासी रामसागर महतो के 23 वर्षीय पुत्र के रूप में हुई है।पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने पहले दरभंगा के बहेरी थाना क्षेत्र से एक छात्रा को बहला-फुसलाकर भागलपुर पहुंचाया था और इसके बाद उसने दोनों बहनों को लालच देकर गुजरात ले गया।एसडीपीओ रोसड़ा संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि तकनीकी अनुसंधान और त्वरित कार्रवाई के कारण पुलिस 11दिनों के भीतर इस जटिल मामले का सफलतापूर्वक खुलासा कर सकी और अपहृत छात्राओं को सुरक्षित उनके घर वापस लाया गया।