जमुई में नाचते-झूमते दी मां को विदाई,कड़ी सुरक्षा में हुआ विसर्जन
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जमुई कार्यालय।नवरात्र में जगह-जगह पूजा पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का रविवार को विसर्जन हुआ।हवन-पूजन के बाद आयोजन समिति के लोग वाहनों पर रखकर प्रतिमाओं को लेकर नाचते-गाते विसर्जन घाट पहुंचे।यहां विधि पूर्वक सभी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।पुलिस के अलावे विर्सजन स्थल पर मजिस्ट्रेट भी तैनात थे।प्रतिमाओं का विसर्जन अपराह्न से शुरू हुआ।इसके लिए पहले ही हवन-पूजन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।शहर के पंच मंदिर,गांधी पुस्तकालय सहित जिला के अन्य स्थानों पर पूजा पंडालों में स्थापित प्रतिमाओं को बोधवन तालाब के साथ अन्य जल स्रोतों में विसर्जित किया गया।प्रतिमा विसर्जन के दरम्यान श्रद्धालुओं का जन समुद्र देखा गया।भारी संख्या में नर-नारी एवं बच्चे रंग-बिरंगे परिधानों में सज-धज कर विसर्जन जुलूस में शामिल हुए और मां दुर्गा का जयकारा लगाया।आयोजन समितियों से जुड़े लोग ढोल-नगाड़े और ताशे पर नाचते-झूमते हुए विसर्जन जुलूस को भव्यता प्रदान की।शहर में जुलूस महाराजगंज,कचहरी चौक होते हुए विसर्जन स्थल पहुंचा।इस दौरान खूब अबीर-गुलाल उड़े।विसर्जन कार्यक्रम में प्रशासन सजग और सचेत दिखा। एसडीपीओ सतीश सुमन,थानाध्यक्ष अरुण कुमार,चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव शंकर साह आदि संभ्रांत लोग विसर्जन जुलूस में साथ-साथ चल रहे थे और हर छोटी से लेकर बड़ी परिस्थितियों से निपटने के लिए तत्पर दृष्टिगत हो रहे थे।श्रद्धालुओं ने नम आंखों से पंच मंदिर और गांधी पुस्तकालय की प्रतिमाओं का बोधवन तालाब में विसर्जन किया।इस दौरान विधि व्यवस्था पूरी तरह कायम रही।उधर घरों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं को भी लोगों ने श्रद्धा भाव से विर्सजन करते हुए अगले बरस फिर घर आने की कामना की।पूरे दिन मैया के जयकारे गूंजते रहे।श्रद्धालु मदमस्त होकर झूमते-नाचते विसर्जन यात्रा में चल रहे थे।भक्ति का खुमार ऐसा कि मैया के जयकारे लगाते और नाचते-गाते लोग थक नहीं रहे थे।रंग-गुलाल उड़ाकर गगन को रंगीन कर दिया।श्रद्धालु घर की छतों एवं दरवाजों पर खड़े होकर झांकी पर पुष्प वर्षा की और मां दुर्गे को श्रद्धा के साथ विदाई दी।