मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर टेंशन में हेमन्त!क्या बैठक में तय हो जाएगा सब कुछ या फ्लोर टेस्ट में विधायक कर देंगे खेला..
1 min read
Oplus_0

रांची ब्यूरो(झारखंड)।झारखंड में नई सरकार के गठन के बाद अब मंत्रिमंडल को लेकर मंथन का दौर जारी है। मंत्रिमंडल में शामिल होने की कई विधायक सपने देख रहे है।हेमंत सोरेन भी इसे लेकर टेंशन में है।आखिर अगर दोबारा से सभी पुराने चेहरे रिपीट होते है तो कई लोगों की नाराजगी भी सामने दिख सकती है।यही वजह है कि हेमंत फ्लोर टेस्ट के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का समय तय किया है।साथ ही रविवार देर शाम इंडी गठबंधन के विधायक दल की बैठक रखी गई है।इस बैठक में ही मंत्री मण्डल विस्तार से लेकर फ्लोर टेस्ट को लेकर रणनीति तय की जाएगी।इस दौरान हेमंत सोरेन सभी विधायकों से अलग अलग भी बात कर सकते है।●लोबिन-चमरा पर रहेगी नजर●बता दें कि हेमंत सोरेन तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।अब सदन में शक्ति प्रदर्शन करना है।फ्लोर टेस्ट एक औपचारिकता है बाकी बहुमत का आंकड़ा हेमंत के पास मौजूद है।विधानसभा का विशेष सत्र आठ जुलाई यानि सोमवार को बुलाया गया है।इस सत्र में ही हेमंत सदन में अपनी ताकत दिखाएंगे।ऐसे में सोमवार का दिन झारखंड की राजनीति के लिए बड़ा दिन है।सभी की निगाहे झामुमो के बागी विधायक लोबिन और चमरा लिंडा पर भी रहेगी।आखिर ये दोनों विधायक किधर वोट करते है।●चंपाई सरकार के जैसा ना हो खेला,हेमंत अलर्ट● इसके अलावा देखें तो मंत्री मण्डल में जगह पाने को लेकर गठबंधन के कई विधायक रेस में है।खुल कर तो नहीं लेकिन अंदर ही अंदर दबाव बनाया जा रहा है। जिस तरह से पिछली बार देखा गया था कि जब चंपाई सरकार बनी थी तो कांग्रेस के 12 विधायको ने बगावत का झंडा उठा लिया था।खुलकर पार्टी आलाकमान पर भड़ास निकाला था।यह सब फ्लोर टेस्ट से पहले हुए था।लेकिन दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व ने सभी को मान मनौवल कर वापस सरकार के पक्ष में वोटिंग करने के लिए झारखंड भेजा था।यही कारण है कि हेमंत कोई रिस्क नहीं लेना चाहते है।उन्होंने मंत्रिमंडल का विस्तार सदन में बहुमत मिलने के बाद करने का निर्णय लिया है।●एक नए चेहरे शामिल होने के संकेत●चर्चा है कि आलमगीर आलम के जगह किसी एक अल्पसंख्यक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।इसके अलावा अब किसका पत्ता कटेगा इसपर भी मंथन चल रहा है।सभी बिंदुओं पर पार्टी आलाकमान विचार कर रहा है।जिससे सरकार को कोई असर ना हो और विधायक भी एकजुट खड़े रहे।इसे लेकर सभी विधायक से खुद हेमंत सोरेन संपर्क में है।अब देखना होगा की आठ जुलाई को हेमंत सोरेन के पक्ष में कितने विधायक वोट करते है और मंत्रिमंडल में किसे मौका दिया जाता है।

