गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने फर्जी दस्तवेजों के सहारे हड़प लिया 88 करोड़ का हॉस्पिटल,क्या है सच्चाई?
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रांची(झारखंड)।दोस्ती में दगाबाजी की कहानी कोई नयी नहीं है,ऐसी कई कहानियां आपके अपने आसपास भी बिखरी नजर आयेगी।कभी किसी दोस्त ने किसी की जमीन हड़प ली तो कभी किसी अजीज दोस्त ने आहिस्ता-आहिस्ता जिंदगी में जहर घोल दी।अब कुछ ऐसी ही कहानी बाबा बैधनाथ ही भूमि देवघर से सामने आ रही है,हालांकि इस कहानी में सच्चाई कितनी और सियासत कितना है,उस बार में दावे के साथ कुछ कहा नहीं जा सकता।जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ेगी, अभी इसकी कई परतें सामने आयेगी,फिलहाल हम बात उस प्राथमिकी की कर रहे हैं, जो बीते 28 मार्चे को जसीडिह थाने में दर्ज की गयी है।●आर्थिक संकट से गुजर रहे थें शिवदत्त शर्मा,मदद का मिला था भरोसा●अपने को गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत का दोस्त बताने वाले देवघर निवासी शिवदत्त शर्मा ने दावा किया है कि 2009 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा नियमों में बदलाव से वह परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के संचालन को लेकर आर्थिक संकट से गुजर रहे थें।वर्तमान संसाधनों के साथ उनके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की शर्तों को पूरा करना मुश्किल हो रहा था।उधर बैंक हमारे संस्थान को दिये गये ऋण राशि को एनपीए में शामिल करने की बात कह रहा था, जबकि हमें और भी ऋण की जरुरत थी।निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम का घर पर आना जाना लगा रहता था,इसी बीच उनके द्वारा इस बात का भरोसा दिलाया गया कि वह एक आर्थिक रुप से मजबूत पार्टनर की खोज कर देंगे, ताकि बैंक की शर्तों को पूरा किया जाय,जिससे कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की शर्तों को पूरा किया जाय।इस बीच निशिकांत दुबे के द्वारा हमसे संस्थान की जमीन का दस्तावेज और 25 लाख रुपये की मांग की गयी।रुपया देने के बाद निशिकांत दुबे ने फिर हमसे कोई संपर्क नहीं किया।जबकि हमारी ओर से उनसे बराबर संपर्क साधने की कोशिश की गयी।इस बीच हमारी ओर से बैंक के साथ फ्रेस सेटलमेंट की कोशिश किया जाता रहा।इसी बीच हमें जानकारी मिली कि डीआरटी और पंजाब नेशनल बैंक ने हमारे जमीन और संस्थान की बोली लगा दी है।शिवदत्त शर्मा का आरोप है कि महज 15 हजार से हुई इस ट्रस्ट में देखते देखते करोड़ों का ट्रांजेक्शन होने लगा,इसकी गतिविधियां संदेह के घेरे में है,बावजूद इसके बैधनाथ मेडिकल ट्रस्ट बोली लगाने में सफल रहा और यह सब कुछ हमारे द्वारा सौंपे गये दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर कर किया गया।शिवदत्त शर्मा का आरोप है कि इस मामले में निशिकांत दुबे के साथ ही उनकी पत्नी अनामिका गौतम गौतम,देवता कुमार पांडेय,राजवीर कंस्ट्रक्शन,वीर कुमार अग्रवाल,विमल कुमार अग्रवाल,पुनीत कुमार अग्रवाल की भूमिका है।इन लोगों ने ना सिर्फ हमारे संस्थान पर कब्जा किया बल्कि बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट के माध्यम से परित्राण मेडिकल कॉलेज की जमीन पर एसबीआई और एसएमई से 88 करोड़ का कर्ज भी ले लिया।जबकि जिस जमीन पर परित्राण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का संचालन किया जा रहा है,उस जमीन को लेकर टाईटल सूट (55/2010)विचाराधीन है,शर्मा का सवाल है कि जिस जमीन का मालिकाना हक पर ही विवाद है,मामला कोर्ट में विचाराधीन है,बावजूद उक्त जमीन को बंधक रख कर्ज कैसे लिया गया?