सीएम नीतीश से वाक युद्ध के बाद आज धरने पर बैठे जीतन राम मांझी,दलितों को अपमानित करने का आरोप


पटना(बिहार)।सीएम नीतीश कुमार लगातार अपने बयानों के कारण विपक्ष के निशाने पर हैं,जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक विवादास्पद बयान के बाद अब उन पर दलितों का अपमान करने का आरोप लगा है।कल विधान सभा के अन्दर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ उनकी तकरार को दलितों की अस्मिता के साथ जोड़ कर देखने की कोशिश की जा रही है।आज सत्र की शुरुआत होते ही जीतन राम मांझी विधान सभा अध्यक्ष के चैंबर के सामने धरने पर बैठ गयें,उनका दावा है कि जिस भाषा का प्रयोग उनके लिए सीएम नीतीश के द्वारा की गयी है,वह महज इसलिए की गयी है,क्योंकि वह एक मुसहर जाति से आते हैं,यदि जीतन राम मांझी भी किसी मजबूत जाति से आता तो उनके लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करने की हिम्मत नीतीश कुमार नहीं कर पातें।जीतन राम मांझी के साथ भाजपा नेता विजय सिन्हा भी धरने पर बैठे हैं,भाजपा विधायकों के द्वारा लगातार सीएम नीतीश से इस्तीफे की मांग की जा रही है।विधान सभा के अन्दर नीतीश विरोधी नारे लगाये जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष के विधायकों की ओर से भी मोर्चा खोल दिया गया है,राजद और जदयू विधायकों के द्वारा सीधे सीधे पीएम मोदी को निशाना बनाया जा रहा है,पीएम मोदी को बीबी छोड़ कर भागने वाला बताया जा रहा है,नरेन्द्र मोदी शर्म करो के नारे लगाये जा रहे हैं।●कल विधान सभा के अन्दर मांझी पर बरस पड़े थें सीएम नीतीश●यहां बता दें कि कल आरक्षण विस्तार विधेयक पर चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा कुछ मुद्दे उठाये गये थें,और इसके साथ ही सीएम नीतीश पर निशाना साधा गया था,जिसके जवाब में खुद सीएम नीतीश ने मोर्चा खोल दिया था और यहां तक कह डाला था कि यह हमारी मुर्खता थी कि तुमको सीएम बनाया,इसके साथ ही नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि यह हमारे साथ रहकर भाजपा के लिए काम करते थें,थक हार कर हमें इन्हे बाहर करना पड़ा।उस घटना के बाद सीएम नीतीश के बयान जीतन राम मांझी काफी आहत नजर आ रहे थें।विधान सभा से निकलने के बाद जीतन राम मांझी के आवास पर भाजपा नेताओं के साथ उनकी बड़ी बैठक हुई,और उसके बाद इस आपसी तकरार को दलितों का अपमान बताकर पेश करने की रणनीति बनाई गयी और उसी कड़ी में आज जीतन राम मांझी के नेतृत्व में भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है।