रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड: राजा पीटर की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी, देखिये कैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में हत्याकांड को दिया गया था अंजाम
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रांची(झारखंड)।एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत में तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के मुख्य आरोपी और पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गयी।हालांकि आदेश के लिए अभी 19 अक्टबूर तक का इंतजार करना पड़ सकता है।ध्यान रहे कि 9 जुलाई 2008 को तमाड़ के तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या तब कर दी गयी थी,जब वह बुंडू के एसएस हाईस्कूल में एक खेल समारोह को संबोधित कर रहे थें।उस हमले में रमेश सिंह मुंडा के साथ ही उनका दो बॉडीगार्ड और एक स्थानीय युवक भी मारा गया था,लेकिन उनके तीसरे बॉडीगार्ड को एक खंरोच भी नहीं आयी थी।जिसे महज संयोग समझा गया था,लेकिन बाद में पुलिस की ओर से इस बात का खुलासा किया गया,कि दरअसल नक्सलियों के पास रमेश सिंह मुंडा की एक-एक खबर पहुंचाना वाला और कोई नहीं यही तीसरा बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह था।जिसके बाद एनआईए की टीम ने शेषनाथ सिंह को धनबाद से गिरफ्तार कर लिया।●राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का परिणाम यह हत्याकांड●बाद में एनआईए की ओर से इस बात का दावा किया गया कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या की मुख्य वजह राजनीतिक प्रतिद्वंदिता थी और इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदिता राजा पीटर के द्वारा कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया था।जिसकी पहली खेप के रुप में तीन करोड़ रुपये और शेष दो करोड़ रुपये का भुगतान हत्याकांड को अंजाम देने के बाद किया गया था।यह पूरा दावा सरकारी गवाह बने राम मोहन सिंह मुंडा के बयान पर आधारित है।राम मोहन सिंह मुंडा ने एनआईए को इस बात का खुलासा किया था कि सरकारी बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह नक्सली कुंदन पाहन और बलराम साहू के जासूसी करता था और इसी की सूचना पर उस दिन नक्सली वहां पहुंचे थें।इन्ही आरोपों के आधार पर एनआईए ने कुंदन पाहन,राजा पीटर,बलराम साहू,शेषनाथ सिंह,राधेश्याम बड़ाईक,राजेश संथाल संथाल,कृषि दांगिल,जय गणेश लोहरा,अमुष मुंडा को मुख्य आरोपी बनाया था। अब उसी मामले में राजा पीटर जेल के अंदर हैं और उनके द्वारा जमानत याचिका दाखिल किया गया है।

