तेजस्वी के सीएम फेम घोषित होने पर बीजेपी नेताओं ने साधा निशाना…बोले-परिवारवाद की राजनीति लौट आई
1 min read
Oplus_16908288

पटना(बिहार)।बिहार की सियासत में उस वक्त हलचल तेज हो गई जब महागठबंधन ने आखिरकार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया।इस ऐलान के कुछ ही घंटों के भीतर,बीजेपी नेताओं ने एक के बाद एक तीखे बयान जारी कर महागठबंधन पर सीधा हमला बोला।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे“ठगबंधन”बताते हुए कहा,“इसमें मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ।ये गठबंधन नहीं,ठगबंधन है।ये मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं।”उनके इस बयान से स्पष्ट है कि बीजेपी इस घोषणा को राजनीतिक मुद्दा बनाकर जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है।इधर,उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी महागठबंधन पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा,“यह बात शुरू से ही साफ थी कि लालू प्रसाद यादव अपने परिवार से बाहर किसी को सत्ता की बागडोर नहीं देंगे।बिहार की जनता जानती है कि आरजेडी में लोकतंत्र नहीं,परिवार तंत्र चलता है।तेजस्वी यादव को आगे लाना इसी सोच का नतीजा है।”सम्राट चौधरी ने यह भी कहा कि जिस तरह से उम्मीदवारों की घोषणा और सीएम चेहरा तय करने में अराजकता दिखी,वह बताता है कि महागठबंधन सत्ता के लिए एकजुट नहीं,बल्कि अवसरवाद से प्रेरित है।बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर निशाना साधते हुए कहा,“तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के चार मामलों में 32.5 साल की सज़ा पा चुके हैं।तेजस्वी यादव खुद IPC की धारा 420 के आरोपी हैं।बिहार की जनता जानती है कि विकास किसने किया और कौन करेगा।बिहार को आगे बढ़ाने का काम प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है,और वही आगे भी करेंगे।”बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने इसे“महाभूल” करार देते हुए कहा कि“महागठबंधन ने राजनीतिक आत्मघाती फैसला किया है।उनका MY समीकरण अब‘मुस्लिम-यादव’नहीं बल्कि‘मुकेश सहनी-तेजस्वी यादव’बन गया है।कांग्रेस ने तेजस्वी और लालू के सामने घुटने टेक दिए हैं।इस निर्णय से महागठबंधन के भीतर असंतोष और दरार दोनों साफ दिखाई दे रही हैं।”वहीं,बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस पूरे घटनाक्रम को एनडीए के लिए फायदेमंद बताया।उन्होंने कहा,“तेजस्वी यादव का चेहरा जितना बिहार की जनता के सामने जाएगा,उतना ही एनडीए मजबूत होगा।”