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छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास व निवेश के प्रस्तावों पर केन्द्रीय मंत्री से चर्चा,केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की बैठक

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•केंद्रीय मंत्री ने दिया आश्वासन,अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश•

 

नई दिल्ली।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की।बैठक में राज्य के औद्योगिक कॉरिडोर,अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सुविधाओं और कई अन्य विकासात्मक मुद्दों पर चर्चा की गई।इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी देने का आश्वासन दिया है,जिससे राज्य को एक नई दिशा मिलेगी।बैठक का मुख्य मुद्दा छत्तीसगढ़ के औद्योगिक कॉरिडोर का विकास था।मुख्यमंत्री साय ने केंद्र से अनुरोध किया कि कोरबा-बिलासपुर-रायपुर को नागपुर औद्योगिक कॉरिडोर से जोड़ा जाए।केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस प्रस्ताव पर कहा कि इसे जल्द कार्यान्वित किये जाने का आश्वासन दिया।उन्होंने इस संबंध में भारत सरकार के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई किए जाने का निर्देश भी दिया।बैठक में मुख्यमंत्री ने रायपुर में अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो सुविधाओं की आवश्यकता पर भी जोर दिया।उन्होंने कहा कि इससे राज्य के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।मुख्यमंत्री ने बताया रायपुर के पुराने टर्मिनल का उपयोग इस सुविधा के लिए किया जा सकता है,जिससे निर्यात में आसानी होगी। केंद्रीय मंत्री गोयल ने इस पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए जल्द मंजूरी देने का आश्वासन दिया।यह सुविधा राज्य के उद्योगों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगी।बैठक में एपीडा(कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण)सर्टिफिकेशन कार्यालय की स्थापना का मुद्दा भी उठाया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यालय की स्थापना से छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों को वैश्विक मान्यता मिलेगी,जिससे किसानों और उद्योगपतियों को लाभ होगा।केंद्रीय मंत्री ने इस प्रस्ताव पर कहा कि भारत सरकार इस पर हर संभव मदद करेगा।बैठक में रायपुर स्थित कॉनकोर कंटेनर डिपो की क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।मुख्यमंत्री साय ने बताया कि वर्तमान में डिपो की कुल क्षमता का केवल 15% उपयोग हो रहा है।उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि अधिक शिपिंग लाइनों को जोड़ा जाए,जिससे निर्यात लागत में कमी आएगी और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।केंद्रीय मंत्री ने इस पर भी सकारात्मक रुख दिखाया और कहा कि जल्द ही शिपिंग मंत्रालय के साथ इस मुद्दे को हल किया जाएगा।मुख्यमंत्री साय ने नवा रायपुर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक कार्यक्रमों के आयोजन की भी मांग की।यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़ को एक व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।इससे राज्य की वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और नए व्यापारिक अवसर उत्पन्न होंगे।केंद्रीय मंत्री गोयल ने इन सभी प्रस्तावों पर सहमति जताते हुए जल्द कार्यान्वयन का आश्वासन दिया।बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन,मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत,छत्तीसगढ़ के औद्योगिक वाणिज्य सचिव रजत कुमार,नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की इनवेस्टमेंट कमिश्नर ऋतु सैन,आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री साय ने नवा रायपुर में आईटी सेवा विशेष आर्थिक क्षेत्र(सेज)और राज्य के अन्य ग्रोथ हब्स में मल्टी-सेक्टर सेज स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा।इसके लिए जांजगीर और राजनांदगांव में 400 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ से कच्चे माल का निर्यात अन्य राज्यों में हो रहा है, जिसे रोकने और राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना की व्यवहार्यता अध्ययन के साथ जल्द कार्यान्वयन की उम्मीद जताई।•केन्द्रीय मंत्री को नई औद्योगिक नीति 2024-29 की दी जानकारी•छत्तीसगढ़ सरकार ने “अमृतकाल:छत्तीसगढ़ विजन@2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई औद्योगिक नीति 2024-29 लागू करने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को इस नीति के बारे में जानकारी दी,जिसमें औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने,रोजगार के अवसर बढ़ाने और आर्थिक समृद्धि को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध और स्थायी आर्थिक वातावरण में बदलना है।यह नीति राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर विकास की नई राह खोलेगी।

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