लालू के बयान से इंडिया गठबंधन के शामियाने में आग!कांग्रेस में संकट तो जदयू ने साधी चुप्पी

पटना(बिहार)।बिहार की सियासत के जादूगर और केन्द्र की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाले लालू यादव कोई बयान दें और हफ्तों तक वह अखबारों की सुर्खियां नहीं बने,यह नामुमकिन है, लेकिन इस बार लालू यादव के बयान से खुद इंडिया गठबंधन के अन्दर ही आग लगती हुई दिखलाई पड़ रही है।हालांकि यह आग लालू यादव ने इरादतन लगाई है,या अनजाने में लग गयी,कहना मुश्किल है।हालांकि जानकारों का दावा है कि लालू यादव कोई भी बयान यों ही नहीं देते,निश्चित रुप से इस बयान के पीछे भी उनकी अपनी सियासी रणनीति होगी।उनका निशाना किसी ना किसी सामाजिक समीकरण को साधने पर होगा।दावा किया जाता है कि लालू इस बयान के जरिये बिहार के भूमिहार मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे थें,उनका इरादा यह जताने का था कि आप हम पर जितना भी तोहमत लगा लें,लेकिन हम राजनीति में किसी भी जाति के साथ भेदभाव नहीं करते, और सबसे बड़ी बात यह स्थापित करने की थी कि आज के दिन पक्ष हो या विपक्ष हर जगह उनके शुभचिंतक मौजूद है,इसमें बड़ी संख्या में उस सामाजिक समूहों के नेता भी हैं,जिन्हे मीडिया के द्वारा प्रायोजित रुप से राजद और लालू का विरोधी बताया जाता है,और दावा किया जाता है कि लालू यादव इन जातियों के सियासत के सबसे बड़े दुश्मन हैं।●कांग्रेसी खेमे में बेचैनी की खबर●लेकिन इस बयान के बाद कांग्रेस कुछ ज्यादा ही असहज दिख रही है। उसके लिए इस बात का जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है कि उसके नेता और कार्यकर्ता जेल में जाकर लालू से मुलाकात किया करते थें और सिर्फ मुलाकात ही नहीं करते थें,अपने फोन से वह सोनिया गांधी और दूसरे नेताओं से बात भी करवाते थें।जेल में बैठकर सियासत की चाल चली जाती थी,सामाजिक समीकरणों को साधने की रणनीति बनायी जाती थी। और सबसे बड़ा आश्चर्य तो इस बात का है कि कांग्रेस की ओर से राज्यसभा कौन जायेगा,इसका फैसला भी कांग्रेस नहीं कर जेल में बंद राजद सुप्रीमो करते थें।●सुशासन का दावा करने वाली जदयू ने भी साधी चुप्पी●साफ है कि कांग्रेस के लिए लालू के इस स्वीकारोक्ति के बाद मुश्किल खड़ी हो गयी है,और उसके नेता इस बयान से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही मुसीबत जदयू के लिए भी खड़ी हो गयी है।सुशासन का दावा करने वाले नीतीश के लिए इस बात का बचाव करना बेहद मुश्किल है कि लालू यादव जेल मैन्युअल के तमाम धाराओं को धत्ता बताते हुए सोनिया गांधी सहित दूसरे नेताओं से बात कर रहे थें।यही कारण है कि जदयू की ओर से इस मामले में चुप्पी साधते हुए कहा जा रहा है कि इस बात का जवाब तो अखिलेश प्रसाद सिंह ही दे सकते हैं।