प्रशासनिक अराजकता के कारण जदयू विधायक हताश और निराश:विजय सिन्हा
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प्रतिनिधि, पटना:बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को महागठबंघन पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि जदयू के राजद में जब से विलय की चर्चा चली है तब से जदयू के विधायक सुरक्षित आश्रय ढूंढने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि सहयोगी तो उनके नेतृत्वकर्ता के लिए आश्रम की व्यवस्था कर चुके हैं,लेकिन उन्हें तो खुद ही आश्रय ढूंढना पड़ेगा।भाजपा के नेता श्री सिन्हा ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी घबराहट और परेशानी में हैं।उनके साथ लंबे समय तक सत्ता भोगने वाले जदयू के सभी लोगों की बेचैनी बढ़ी है।उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जदयू के अधिकांश विधायक पार्टी छोड़ने का मन मिजाज बना चुके हैं।उन्होंने कहा कि जदयू के ये विधायक जंगल राज से गुंडा राज के सफर को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।मुख्यमंत्री मोहदय भले ही जनता राज कह रहे हों लेकिन उनके कथित जनता राज में आम लोगों की छोडिये जनप्रतिनिधि और अधिकारी तक सुरक्षित नहीं है।उन्होंने जदयू के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि आज दुर्भाग्य है कि भ्रटाचारी और जंगलराज को संरक्षित करने वाले पुरोधा की संगति में होने के कारण इनलोगों का भी संवैैधानिक संस्थाओं के प्रति अविश्वास बढ़ गया है।उन्होंने कहा कि बेगूसराय सहित राज्य के कई जिलों में हत्या के आरोपी अपने ही केस के मामले में ही गवाहों की हत्या कर रहा है और बेखौफ घूम रहा है।इसके बावजूद पुलिस प्रशासन मूकवधिर बैठा है।उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग हताश और निराश हैं।अब सत्ता चलाने में ये सक्षम नहीं दिखते।उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले इसी सीबीआई के पास राजद के ही नेताओं के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का सबूत पहुंचाते थे,लेकिन अब इन्हें ही विश्वास नहीं है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षा में तो खैर छोटे भाई आने सजायाफ्ता बडे भाई को क्लीनचिट देने में जुटे हैं,जैसे उन्हें जेपी आंदेालन या स्वतंत्रता संग्राम की लडाई में भाग लेने के लिए माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई हो।