पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद करने का मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने लिया बड़ा संज्ञान,21 दिनों में मांगी रिपोर्ट
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प्रतिनिधि, पटना:नवादा के टाउन थाना में पोस्टेड पुलिसकर्मियों को वहीं के हाजत में बन्द किए जाने की घटना को आज पूरे 25 दिन हो गए हैं।जिसका सीसीटीवी भी सामने आया था,जिसके बाद बबाल मच गया था।अब इस मामले में अब तक न तो किसी प्रकार की ठोस जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई।पुलिस मुख्यालय ने भी इस मामले में पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है।बार-बार सवाल पूछे जाने के बाद भी एडीजी मुख्यालय जवाब नहीं दे पाते हैं।इस प्रकरण में गंभीर आरोप नवादा के एसपी डॉ गौरव मंगला पर लगा है।जांच और एफआईआर दर्ज करवाने की कार्रवाई इन्हीं के खिलाफ होनी थी पर अब तक कुछ नहीं हुआ।इस मामले में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की एंट्री हो गई है।आयोग की तरफ से बिहार सरकार के गृह विभाग को एक पत्र लिखा गया है।इसके जरिए पूरे प्रकरण की वर्तमान स्थिति पूछी गई है।गृह विभाग से पूछा गया है कि इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है?अगर कार्रवाई हुई है तो इसकी रिपोर्ट 21 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा गया है।26 सितंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस इस मामले में गृह विभाग को लेटर लिखा था।अब इसी का हवाला देते हुए गृह विभाग ने राज्य के डीजीपी को एक लेटर लिखा है।जिसे विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने लिखा है।29 सितंबर को डीजीपी को लिखे गए लेटर में उन्होंने कहा है कि इस प्रकरण में कई गई कार्रवाई के बारे से सीधे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को अवगत कराएं।साथ ही उसकी एक कॉपी गृह विभाग को भी दें।जिस वक्त थाना के हाजत में 5 पुलिसकर्मियों को बन्द किया गया था,उस दरम्यान वो वर्दी में थे।इनमें से दो एससी-एसटी और एक आदिवासी हैं।बिहार पुलिस एसोसिएशन की तरफ से इस मामले की शिकायत उस वक्त के एडीजी कमजोर वर्ग व सीनियर आईपीएस अधिकारी अनिल किशोर यादव से की गई थी।तब 14 सितंबर को उन्होंने आदेश जारी कर गया के आईजी को पूरे मामले की जांच कर 7 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा था।साथ ही नवादा के ही एससी-एसटी थाना में एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया था।लेकिन आज तक कोई जांच नहीं हुई।