बिहार : बालू माफिया के हमले में 4 पुलिसकर्मी घायल,16 गिरफ्तार


प्रतिनिधि,पटना।नवादा पुलिस ने वारिसलीगंज थाना इलाके में बालू माफियाओं के हमले में 4 पुलिसकर्मियों के घायल होने के बाद बालू माफिया के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया गया।धंधे में लिप्त कई सफेदपोशों सहित 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया।प्राथमिकी दर्ज कर सभी को जेल भेजा जा रहा है।पुलिस की यह कार्रवाई तब हुई जब पुलिस गश्ती दल पर बालू धंधेबाजों द्वारा हमला किया गया।बताया जाता है कि अवैध बालू खनन और परिवहन की सूचना पर थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा ने गश्ती दल को सौर चंडीपुर गांव की ओर भेजा।पुलिस टीम जब चंडीपुर गांव के पास पहुंची तो वहां डंप कर रखे गए बालू की लोडिंग एक ट्रक पर होता पाया गया।पुलिस को देख वहां मौजूद तस्कर सहित अन्य लोग फरार हो गए लेकिन एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़कर अपनी जीप में बैठा लिया।इसके बाद बड़ी संख्या में बालू माफिया के लोग जमा हो गए और पुलिस टीम पर हमला कर गिरफ्त में रहे व्यक्ति को छुड़ा लिया। हमले में पुलिस टीम को लीड कर रहे दारोगा नागेंद्र ठाकुर सहित तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायल जवानों का इलाज पीएचसी वारिसलीगंज में हुआ।घटना की सूचना के बाद एसपी डा गौरव मंगला काफी गंभीर हुए और व्यापक छापेमारी अभियान चलाकर 16लोग गिरफ्तार कर लिया।जिला मुख्यालय से काफी संख्या में पुलिस को वारिसलीगंज भेजा।वे खुद भी पहुंचे।उसके बाद कार्रवाई शुरू की गई।पर्याप्त पुलिसवालों की मौजूदगी के बीच बालू तस्करी में लिप्त लोगों की धर पकड़ के लिए अभियान शुरू किया गया। इस दौरान चंडीपुर गांव में योगी सिंह के घर छापेमारी की गई।योगी सिंह फरार मिले,लेकिन कुछ महिलाओं को पुलिस उठा ले गई।इसी प्रकार मलूका बिगहा में कमलेश कुमार के घर छापामारी की गई।कमलेश नहीं मिला तो कुछ महिलाओं को पुलिस साथ ले गई।इसी प्रकार पैंगरी के पैक्स अध्यक्ष शिव कुमार प्रसाद,पैंगरी के पंचायत समिति सदस्य शेखपुरवा ग्रामीण रामाशीष यादव आदि को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।15 से 16लोगों की गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है।कार्रवाई को लेकर पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।कहा जा रहा है कि पुलिस ने कई घरों में जमकर तोड़ फोड़ किया।सामानों को तितर बितर कर दिया। महिलाओं की गिरफ्तारी पर भी आपत्ति उठाई जा रही है। बता दें कि इस इलाके में बालू माफिया द्वारा पुलिस और खनन टीम पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी थी।हर बार बात आई राम और गई राम वाली होकर रह जाती थी। पहली दफा पुलिस पूरे तेवर में दिखी।माफिया के खिलाफ एक तरह से सर्जिकल स्ट्राइक किया गया।सच्चाई है कि पुलिस के आला अधिकारी भी बालू माफियाओं से मिलकर काली कमाई कर रहे थे।यही वजह थी कि सख्त कार्रवाई का घोर अभाव था।एसपी गौरव मंगला ने कहा कि कई मामले में चल रही है जिसकी रिपोर्ट बाद में दी जाएगी।