नवादा में धनी फाइनेंस के नाम पर की जा रही थी ठगी,पांच साइबर अपराधी गिरफ्तार
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नवादा ब्यूरो।जिले के वारिसलीगंज थाना पुलिस ने कोचगांव में छापेमारी कर पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 7 एंड्रॉयड मोबाइल,एक कीपैड मोबाइल एवं 150 पन्ने का कस्टमर उत्तर सीट बरामद किए गए हैं।पुलिस कार्यालय में एसपी अम्बरीष राहुल ने प्रेस वार्ता कर बताया कि वारिसलीगंज थाना को गुप्त सूचना मिली कि कोचगांव गांव में कुछ साइबर अपराधी इकट्ठा हुए हैं। जिनके द्वारा भोले-भाले जनता को ठगने का काम किया जा रहा है।सूचना के आधार पर एसआईटी का गठन कर उस स्थान पर घेराबंदी कर छापेमारी की गई,जहां पुलिस को देखकर साइबर अपराधी भागने लगे।लेकिन पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दो साइबर अपराधियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया।शेष अपराधी भागने में सफल रहे।वहीं पुलिस को पुनः सूचना मिली कि कांधा गांव के उत्तर स्थित बगीचा में भी साइबर अपराधी इकट्ठा हुए हैं।इसके बाद पुलिस पुनः उस स्थान पर भी छापेमारी की,जहां से तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।उन्होंने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों की पहचान नालंदा जिला अंतर्गत कतरीसराय थाना क्षेत्र के पटलपुर गांव निवासी अरुण प्रसाद का 20 वर्षीय पुत्र उत्तम कुमार,इसी थाना क्षेत्र के कटौना गांव निवासी जगन्नाथ सिंह का 40 वर्षीय पुत्र लक्ष्मण सिंह, वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के लालपुर गांव निवासी सुधीर प्रसाद का 19 वर्षीय पुत्र साजन कुमार,कांधा गांव निवासी बाबूलाल सिंह का 29 वर्षीय पुत्र मुन्ना कुमार एवं विजय सिंह का 20 वर्षीय पुत्र रौशन कुमार के रूप में किया गया है।फिलहाल गिरफ्तार सभी साइबर अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।वहीं फरार साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।एसपी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि इन लोगों के द्वारा फेसबुक पर धनी फाइनेंस के नाम से फेक आईडी बनाया जाता है।उसके बाद कस्टमर डाटा से उपलब्ध मोबाइल नंबर धारक को धनी फाइनेंस के नाम से ऑनलाइन लोन देने के लिए फोन कर उन्हें प्रलोभन देते हैं।जब कोई ग्राहक इनके जाल में फंस जाता था तो वास्तविक लगने के लिए इसे उनके व्यक्तिगत विवरण जैसे आधार कार्ड,वोटर कार्ड,बैंक पासबुक की छायाप्रति,पैन कार्ड,पासपोर्ट साइज फोटो,ईमेल आईडी आदि की मांग करते थे।इन कागजातों के लिए ये व्हाट्सएप से मैसेज भेजते थे।उसके बाद ग्राहक से एनओसी सर्टिफिकेट के रूप में पैसे की मांग किया जाता था।एनओसी मिल जाने के उपरांत ग्राहक को व्हाट्सएप के माध्यम से अप्रूवल लेटर भेजने थे और फिर उक्त व्यक्ति से लोन दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में पैसे की मांग करते थे।इसी प्रकार कई किस्तों में ठगी की जाती थी। प्रेस वार्ता में थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा भी उपस्थित थे।